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Lord MahatIrritat Pagllah Jain on
मोक्षपाहुड hdraspatiruda.
Name of a treatise written by Acharser KundKund.
आचार्य कुन्दकुन्द (ई. 127- 179 ) कृत एक ग्रंथ | मोक्ष पुरुषार्थ Makan Parasartha
Reverential austeriles for gelling salvation गोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाने वाला तप आदि जो कि सान कल्याणप्रद है । मोक्षमार्ग
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- Maksamar qu
Path of salvation having right faith, righl knowledge & right conduct ) सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान व सम्यञ्चारित्र इन तीनों की एकता क्षम है।
मोक्षमार्ग प्रकाशक - Moksamarga Prakataka. Name of a book written by "antis Todarmalji प. टोडरमल जी द्वारा रचित एक ग्रंथ ।
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मोक्षशास्त्र - Moksastra Name of a treatise written by Achari Umasvami. आचार्य उनास्थानी (ईस 179-243) कृट एक ग्रंथ का नाम । यह जैनधर्म का सारभूत ग्रंथ है और इस पर अनेक आवायो द्वारा अनेक टीकाएं लिखी गई ।
मोक्षसप्तमी व्रत
Mokasaptamu Vrict.
A famous fasting of Jainas lo be observed for 7 years.
7 पर्व पर्यन्त प्रतिवर्ष अवण शु. 7 पार्श्वनाथ भगवान का मोकल्याणक दिवस) को उपवास करना ।
मौखर्य
नस्त तीर्थक्षेत्रों-तपरथी (प्रयाग), कुण्डलपुर नालाबिहार) मांगीतुंगी (महाराष्ट्र), अयोध्या अगद के विकास के आपका सफल निर्देशन हुआ है एट पूज्य माताजी की प्रेरणा में सम्पन होने वाले प्रत्येक कार्य में अपकी अहम भूमिका रहती है ।
मोद क्रिया - Moda Kriwi.
An auspicious activity related to the birth of a child
गर्भाधान के नये महीने में गर्भ की पुष्टि के लिए पुनः पूर्वोक्त विधान करके, स्त्री को गात्रिका-दन्ध, मन्त्रपूर्वक बीजाक्षर लेखन भूषण पहनाना ।
मोष 213.562.
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of Jambudvip-Hastinapur. गणिनीमनुख श्री ज्ञानमती माताजी के एक प्रमुख शिष्य मन् 1967 में ब्र. मोतीचंद के रूप में पूज्य माताजी के शिष्य बने. जंबूदीप रचना (तिनापुर) के निर्माण में प्रमुख स्तंभ के रूप में इनकी भूमिका रही, जम्बूदीप ज्योति रथ का भारत भ्रमण कराया तथा रान् 1887 में क्षुल्लक दीक्षा ग्रहण की। 2 अगस्त सन् 1987 शु. 7} को गगिनी श्री ज्ञानमती माताजी ने इन्हें दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जबूद्वीप- हस्तिनापुर की धर्मपीठ के पीठाधीशपद पर आसीन किया। इन्हें 'लप्रकरण' की उपाधि प्राप्त है। ये अपनी क्षुल्लक वर्या को निर्दोष पालते हुए पैसा और चाबी न रखते हुए भी संस्था की समस्त गतिविधियों में अपना कुशल निर्देशन प्रदान करते हैं। अंहीप के साथ-साथ
Stealing. ਹਾ।
मोषवचन - Mara
Speech causing stealing.
असत्य वचन, चोरी में प्रवृति करके डाले यचन । मोह Mela.
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Delusion, Attachment
सांसारिक वस्तुओं में ममय छ। सव । मोहज भाव - Mahaja Bhiva
Disposition caused by delusion मोह से उत्पन्न होने वाले औदायिक भाव । मोहन - Mohana.
A king of Prakshas dynasty, A power allracting others, Chamm.
ती एक विद्याधर राजा, एक विद्याशास्त्र जो व्यक्ति को मुग्ध करता है, आकर्षण
मोड़ेवाली गति - Morevale Gruti.
Transmigratory motion of soul
विग्रहगति, पाणिमुक्ता, लागलिका, गोमूत्रिका ये तीनों मोड़े वालों मोहनीय कर्म प्रकृति - Moluttiya Kom "refi. गति हैं ।
Karmic nalure of delusion
8 कर्मों में चौथा कर्म जिस कर्म के उदय से जीव हित-अहित के विवेक से राहत होता है।
मोतीसागर ( शुल्लक) - Moutsignra (Ksultakar).
Name of a devoted disciple of Canini Shri Gyanmati Mataji, who is as the founder of Jambudvip construction at Hastinapur and till today he is providing his valuable guidance & direction in the protection as well as develop. ment of the Jaina heritage es the Peethadhish मौक्तिक प्रशस्त निदान -
एक प्रथ का नाम ।
मोह विवेक युद्ध - Mohar Vinekas Yuddhva.
Name of a book.
Muuktika Prafosta Nidana. To desire for the alate of ommiscience. कर्म नाश, संसार के दुःखों की हानि व केवलज्ञान का छ निदान | मौक्तिकहारावलि Maukrikuharāvali. Wreath of pearls
गोल और आकार में बड़े मोतियों से गया गया एक लड़ी का पौखर्य Meukhurya.
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Talkativeness, salesa talk garrulity. अनर्थदण्ड विरति व्रत का एक अतिचार वृद्धा बहुत स
करना ।