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Lord Wahavir Hindi-Engst Juin Dicionary 285
मिनाथ नगर - Nagare.
नपुंसकवेद कर्म प्रकृति - A city. A town
Napenasrkrueda
K r akrti. एज्य में सभी वर्गों के प्रधान लोगों की निवाम ग्थली, जो 4 Karts nature causing impotent being द्वार कोद महित हो ।
जिमऊ उत्य गीध नपुमक मंबंधी प्राओं को प्राप्त होना है नगरनायिका -Nagaranyiki
अर्थात माहनीय कर्म के बारिश शाह की नौकाय की प्रकृति । Prostitute.
नपुंसकवेद सिद्ध - Nepurnxakarma Startin. वेश्ण, जो बी केवल धन के लिए मथ का मेषन करती है। Being who get salvation from Parod (as नगरी-Nagart.
Drarrated even after possessing Napunsak
Ved (as thaw Ved) Capilalclly. प्रत्येक मारक्षेत्र की राजधानी ।
प्रश्य में पुरुष नंदी हो पात्र में नएसक बंद में पड हो सकती है।
यहाँ 'धाव में नपुसक वेद' का अर्थ कनुविन कप परिणाम नति - Nettt.
होका मात्र मोशनीय कर्म की एक प्रकृति का उदय ही विवक्षित है। Act of prostration, bowing down to pay reverence
नए - Nabha lo Lord Arthent. नमान्कार पाँच अथवा श्राठ अंगो से जिनेन्द्रदेवको चरणों में Name of a planet. प्रगाम करना ।
आकाश: BB जोतिय मतों में 35 मह । नातिनय -Nuritraya.
नभचर जीव - Nabharama To bowdown Ihree times with pura mind, speach
Space- living animales (those hying in the sky). &body.
पंडेन्टिय तिवंत जीवों का भेद माकाश मै गएन करने वाले मन, वचन, काय पूर्वक तीन बार नमस्कार करना ।
वि जैसे-चिहिया, कप्तर आसि । नथमल विलान (कवि)
नभस्तिनक-Nabustifirka Naturala Vilala kovil. A city in the south of Vir wrth mountala Name alaHindipoet, the writer of Jinsaunvilas'. विजया पर्वत की दीक्षण श्रेणी का एक नगर । जिनगणपिलास पंथ के रचयिता एक हिन्दी कवि ई. सन् ममो वर्गणा - Nabhevingana 1767-78)।
A type of sogregate of Karmic molecules. नदी -Nadi.
१३ वर्गणाओं में.एक वाणिा का नाम । River.
नमस्कार - Manaskāra. पर्ममान उपलग गगा. यमुना आदि नदियों के अतिरिक्त जैनागम Prostration, act ol reverential bowing down. के अनुसार 14 पहानदियाँ एवं लाखों की संख्या में उपनदियाँ पचपरमेष्ठी के गुणों का स्मरपा और कीर्तन करना तथा हास बसायी गयी है।
जोड़कर पचाग अथवा माशंग नमन करना। नन्द्रा वाचना-Nanda Vacari,
नमस्कार मंत्र-Namaskaraturera. An oxposition containing Interpretalion of true Sea - Namokara MOMINJ. religlon.
देखें - गयोका मंत्र । विविध मत-मसान्त का निराकरण करते हुए सत्य धर्म को नस्क्रिया -Namaskriti.
स्थापित करने वाली व्याख्या नंदा - वाचना कहलाती है। Painedreetinuswith puramind.speech &body. ननराज -Nainaraja,
विधिपूर्वक नमन करने की क्रियाः प्रसनताएवंक शुद्ध मन, Aking of Varddhamanpur. Harivansha Puran' वचन, काब के माथनीन बार निति करना । was composed in his time.
नधि-Nani. वर्द्धपानपुर के राजा, जिनके समय में ही बिरसेन आचार्य ने
Name of chler disciple (Gandhar) of Lord हरिवंश पुराण की रचना की थी। समय-ई. 178-803 ।
Rishabhdev, The son of the brother-in-lawi नपुंसकवेद - Napunsakaveda
Lord Rishabhdev, Narie of in omniscient. Hermaphrodita Wblda (related to being in which एगवान आदिनाथ के 78 गणरका नाग, वृषभदेव के characteristics of both thesemes are combined), साले कच्छ राजा का पुत्र, एकान्तकृत केवली । Neuter.
नामिनाथ - Narminarha. औन श्रीक है और न पुरुषरूप एवं वेद की प्रबल वेदना में
Nams of The 21- Trthankar (Jaina-Lord). युक्त और सदा कलुवञ्चित है उसे नपुंसकवेद जानना चाहिए।
- वर्तमान काल के 21 वें तीकर: राजा विजय और रानी वप्पिला जैन मिति के अनुसार, एक इंनिय से लेकर चार इन्द्रिय तक के पत्र जिनकी आय 10 हजार वर्ष, अंबार्ड 154नुष एवं सभी जीव, पंचेन्द्रिय सम्मान जीव एवं नारकी जीयों के नियम
जयनगरी-मिथिलापरी भी। से नपुंसक देव ही होता है। देवों में नपुंसक वेद नहीं होना है। मनुष्य और नियंत्रों में स्त्री, पुरुष, नपुंसक तीनों वेद होते हैं ।