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Pin by Dhan धन पकनिकलता
द्वितीय संग्रह कृति
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भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी शब्दकोश 1zstage of spirlluai development (Guruthar) द्विस्वप वर्ग धारा - Drirupa Varga Dhori. एकत्ववितर्क शुक्लष्यान, यह 12 में गुणस्थान में होता है ।
Dyadic square sequence द्वितीय संग्रह कृष्टि - Dririya Sungraha Kati 14 धाराओं में एक, जिसमें दो के बार्ग मे प्रारम्भ कर पूर्व-पूर्व Alype of trishri-gradual destruction otkomcu स्थानों का वर्ग करते हुये उना-उत्तर स्थान पाप्त होते हैं।
कवायों की टीन-तीय कृष्टि होती में डाल संग्रहकृष्टि 12. निलाइ धन धाग - Dvira Ghera Dhara. ती हैं, उनमें इमरी कृष्टि ।
Dyadic cube sequence द्वितीय स्थिति - Dvitiya Sthiti,
1 धाराओं में पक, दिसा वर्गधारा में जो-ओ धर्म रूप पशि Second Ife ume
है. उन वर्गरूप रशियों की जो घनरूप राशि है उनकी पारा को अंतरकरण या अंतर स्थिति के उपरिधी सर्वस्थिति का नाम द्वितीय विरूप प्रनधारा कहते हैं। 12'.20.2011...............)। स्थिति
द्विरूप पनाधन धारा - द्वितीयावली - Dviliyavati.
Dvinūpa Gharigrann Dhärā, A specified time perod (related to Avali). Dyad cube non cube sequence उदावली में ऊपर के आवली प्रमाण काल को द्वितीयावली या 14 पराओं में एक; 7 के पन का घन करके फिर वर्ग करना। प्रत्पावली कहते हैं।
(21". (213, 2)-1-1..............। द्वितीयोपशम सम्यक्तव
द्विसंधान महाकाव्य-Dvisanthana Mahakavya. Dviriyopasana Samyukta. A treatise written by Dhananjaya. Second subsidential right baliel.
पाण्डव चरित्र पर धनन्वय कवि द्वारा रचित पक था जिसमें अपशम श्रेणी चलने वाले साधु को क्षयोपशम सम्यग्दर्शन से रामायण और पहाभारत दोनों कथाओं से संबंधित अर्थ निकलता पनः ओ उपशम मय्यतव होता है उसे दिमीयोपशम सम्यग्दर्शन है। कहने ।
विस्थानीय -Disthaniya. द्विदल-Dvidatd.
A lype of actual fruition of Karmic matters Grains (pulse etc.) having two opposite laces अनुपाम बंध, अप्रशस्त प्रकृतियों की अपेक्षा लता दारू रूप alike are called non-edbria when mixed with raw अथवा नीमकांजीर कप सच्चा प्रशस्त प्रकृतियों की अपेक्षा ग्रहmikscurd (prepared from raw milk) etc. ग्वाण्ट रूप बंध । दो दल वाले पान्य आदि की कच्चे दूध या कच दृष में
दींद्रिय जाति नामकर्म - निर्मिस दही-छाछ के साथ पिलाने पर वह अभक्ष्य दिदल
Dviridriya Jriti Namokarna. कहलाता है। वर्तमान में कुछ लोग गर्म प्रासुक दूध और दही में
A 'ermic naturo causing birth in the form of me भी इन वस्तुओं को मिलाकर द्विदल आभकर अभक्ष्य कहते है,
sensed beings. किन्तु 'आपगोरससम्पृक्त इत्यादि सागरिक्षापत जैसे ग्रंथों के
यह कर्म प्रकृति जिससे दीद्रिय जाति प्राप्तये जैसे-शंख, सीप प्रमाणानुसार यह गलत है।
इत्यादि। द्विपद - Dviparda.
सद्रिय जीव - Dvindriya Jives. Having two feel
thal whilch has two senses. दो पैर वाला।
जिन जीवों के स्पर्शन-स्सना दो इन्द्रियां होती है. शंख कृमि । दिपर्वा -Dviparva.
आदि । A super knowledge of medicine.
द्वीप - Dvipa. एक औषध विया, दिमि-अदिति नाग नमि और विनामि विद्याधरों
Island, continent surrounded by sea. को दी हई 16निकायों की विद्याओं में एक विधा ।
मध्यलोक स्थित सम से बेरित उदीपादि भूखण्डों को निपठ-Dviprtha.
श्रीप कहते है। मध्यलोक में असंख्मात दीप है। The second Narayana of the present and
दीपकुमार - Dvipackaumitre. वर्तमान पत्र में द्वितीय नारायण, जिसने कोटिशिला को अपने
A type of deltes (having abodes) मस्तक तक पर ठा लिया था ।
भनयासी देवों का एक भेद । हिरद- Dviruta.
दीपसागरप्रज्ञप्ति - Dvipasāgaraprajimprt. An elephant: The first of the 16 dreams which
A type of scriptural knowledge shruguan). was seen by the mother of Tirthakar (Jaina.
मंग श्रुतज्ञान का एक पेय, दृशिवाद (12 अंग) का एक . Lord) at the time of Garthakadvanat.
पेदः जिममे असंख्यात दीप व मागरों का 52 लाख 6वार । डाबी, तीर्थकर माता बारा गवस्था में देखे गये 16 स्वप्नों
पर्दो में वर्णन है। प्रवन स्वमा
डीपसागर सिद्ध-Dvipardgara Siddier.
The sout who gets sahalon from some Island,