________________
जंबुद्धीपप्रज्ञप्ति
PRA . भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शब्दकोश है ८ ई.सन 195511 अप्वृद्वीप की रचना के निर्माग * । याजन पवं किनारों पर 7 कांस मोटा है । कारण है विशन्न परिकर 'जम्बूद्रौप स्यन्न' के नाम से जाना जंक्शं कुपुर - Jarubasurekupura. जाता है. जिरग कमन्मदा यानदिर. ॐ मदिर, जिननें Aclly in the south of Vijayardh mountain मदर शेरहद्वीप चना मदिर इत्यादि अनेक मुखर जिनालय निर्मित विचमाई की दक्षिणी श्रेणी का एक नगर । है। धरती का स्वर नान. - बाय गर तीर्थ गर्यटके क नाम- जंबस्वामी - Homtresvitri. भर शोधकर्ताओं केला विशा आकर्षण का केन्द्र है। पूज्य
The last omniscient of the present age. मनाती की प्रेरणा में 4 जून गन 1982 कोसाबारीन प्रधानमंत्री
भगवान महावीर के पश्चात् अंतिम एवं तृतीय अनुबद्ध केपली पोगन हदिरागांधी गमधान दिल्ली में उदारित 'जातीय
(ई.पू. 503-465), ये राजगही में जन्मे एवं मधरा से मोक्ष ज्ञान याने ग्य' अधुदीप महल मति द्वारा 1045 दिन तक प्राप्त किया। देशव्यापी धर्मप्रभावन करने के पक्षात 28 अप्रैल 1985 को
जबसामिचरिउ -JambriSansarta कालान रक्षामंत्री श्री पी.वी. नरसिम्झारावदार यह अनजगीत
Name of a book written by poet "Veer' अखण्ड र बाबूटी में स्थापित की गयी।
कचि वीर द्वाराई. सन 1019 में रचित ग्रंथ । जंबद्वीपप्रजाप्ति - Jamberlviptprajapi virtuft - Jambi.cummirurirra Name of a book written by Ashera Anilgati.
Name of a book writen by Pander Rajmalla. A part of scriptural knowledge (Srurgyan) con
पं. राजमस्ल (ई. 1575-1593) द्वारा रचित सांकृत माध्य, taining descriplion about whole Jamahip. आचर्य अघितगति (ई.993-1046) द्वारा रचिन अंथ परिकर्य
इसमें 2400 पद एवं 13 सा है। दष्टिवार श्रत का एक भेद: इसमें लाख 25 हजार पदों के जंघाई-Janihindi द्वारा जन्टीप का पूर्ण वर्णन है।
Yawn (to stop yawning is a physical morifica
lion). जंबद्वीपव्रत - fambridviper Vreuta.
30मी, अयनादि कायक्लंश का एन पेट जंपाई. छींक आदि A type of vow (fasting) to be observed for differ
को कना। en 78 days related to the 78 natural lemples of Jartbudurp
जगच्चंद्र सूरि - lagacetrindra Suri. उंबदीप के सुदर्शनमेस के 16. गजदत के 4. अंत-शाल्मलिपक्ष Name of a Shyerrernshar Jain Acharya. के 2, वधार के 10. विजया के 34. पटकावल के रहवीं शताब्दी के पक घेतांबर आचार्य: दिलवाहा मंदिर के एस 16.4.2.163416= 78 विनमंदिरों के 78 व्रत निर्माता । करग होत है। मत्रपूजा एन विपि 'तविधि एवं पूजा' मांग जगती - Jagari. 2 पुस्तक में देखना चाहिए ।
The world, the earth. Vedic metre. गपुच्चय मंत्र-ॐ ही जंबूदीपसबंधि-अटरूपतविजिनालय- मंमार, पृण्वी. एक वैदिक छन्द । बिनबिनेप्यो नमः ।
अगतुंग - Jugrtunge. अंबूद्वीपसमास - Janbirthrpuranisa.
A king of Ruhreckuan dynasty Name of a book written by Acharw Umaswami राष्टकट वंश का राजा, राज्यकाल (ई. 1807). अपोषयर्ष
आचार्य उमास्वामी (ई. श 1-2) कृत संस्तृात गावित ग्रंथ। प्रथम के पिता । जंबूमती - Jaunbiureti
जगन् - Jagri. Ariver of Bharrukshetra in Arya Khand (region) Universe. Temporal world. भक्षेित्र आर्यखण्ड की एक नदी ।
लोक। 343 पन राजू को लोक कहते हैं। जंबूवक्ष - Jambarkre
जगस्कीर्ति-Jagutkiri. Blackberrytroa, The Irstisland of middle universe Name of Acharyas. Scalled Jambhuuedvip on the name of this natural इस नाम के कावासंघ व नन्दिसंघ में आचार्य हुए। (Akrotrin) tee, Initiallon tres of Lord Vimalnath
जगत्कुसुम- Jagarkusuma. जामुन का पेक्षा अधिक जम्मूदीप रचना के अनुसार समेक
Name of summit of Rurhat mountain. पर्वत की उत्तर दिशा में उत्तरकुल पोगभूमि में स्थित पृष्वीकायिक ।
रुचक पर्वत का एक कूट । एक अकृत्रिम वृक्ष बमके नाम पर 'जावटीप' का नाम सार्थक
जगत-घन - Juger-Ghane. हुआ है। मस्तिनापुर में निर्मित जम्बदीप रचना के अंदर यह वृक्ष
Volume of universe, unit of 343 Rajas पथास्थान धातु से निर्मित किया गया है, जिस पर एक विनमंदिर
(जगत्तश्रेणी)-343राजा343 धन राजू लोक को बमफल है। है.किमलनाथ पगवान के दीक्षा वृार का नाम । अपक्षस्थल - Jarhbiuksa Steaker.
जगत्प्रतर - Jagatpretttra.
Area of universe, unit of48Rajus. Roglon ol Jamhuriksha (a super tree)
(जगणी ) =49ज, जगतप्रेणी के वर्ग को जगत्पतर कहने उपवन सामान्य स्थल/ 500 योजन विस्तार मुक्त है. मध्य में