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सणिक
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भगवान महावीर ल्दिी -अंग्रेजी शब्दकोश काल विशेष प्रत्येक सण व लय में होने वाला प्रतिरोध ।
बामणा - Karnad. मणिक -Kamka.
Ta bag for forgiveness mutually Momentary.
भक्तप्रस्थारध्यान विधि 40 अधिकारों में 13वां अधिकार: भणपार पाय गंमतिक्षण विनष्ट हेती है।
अन्योन्य इना की याचना करना । क्षत्रिय -Katriya.
क्षमा-Ksoni. The second l'ame of later Indo Aryan Soclety Forgiveness 1. warriors, Name of a saint possessing दाला के माल गण में एक गुप्त, उराम क्षगादि 10 घमा में पहल knowledge of 11 Arga &14 Carros
राम. क्रोध के साक्षात् जार मिलने पर थोडा भी धन चार वर्षों के अतर्गत दूसर वाण.11 भुतघर मुनियों में तीसरे
करना। नुनि जो 11 अंग और 14 पूर्व के धारी थे
समा धर्म-kant tohamma. काएक - Ksapake.
See - Xironia Saints (at the 8th, 9th. 10th 12th Gunsthan) देखे - शमा । involved in destroying of Krums, Those saints
क्षमावाणी व्रत-Kranduint Vrata. who are witimately engrossed for holy death (Sarmadhi) are also called 'shapok.
A type af vow. पास्त्रिोहनीय काय करने में प्रयत्नशील मानि । ये 8.9. रोज 1 को स्पसे क्षमा मांगकर उपवास करना । 10. 124 गुणस्थानों में रहते है अर्थात सपक श्रेणी पर प्रदने बाय - Hard. वाले मुति क्षपफ कहलाते हैं। समाधिमरण से स्त मुनि । . Destruction. Anilnitallon (olkarmes) सापकश्रेणी - krupukuirent.
माँ अन्नाशय
। AUSPICIOUs stages related to destruction of सयदेश - Krayadeix. zaras
Last place at the destruction of karmar. मुक्ति सोणन: जप्त धारिकमोशनीय का नाम किया आता है वह कर्म के क्षय होने का अंतिम रथात जो कर्मति अन्य प्रकृति रूप श्रेणी अधति ध्या, 9वां, 10वा, 12वा गुगस्थान । जिस पर होकर नाश होती है ऐसी परमुखोदयी प्रकृति के अंतिम कांडक आरोहण मर सीन पाण्सकों ने शबजय पर्यंत से मोक्ष प्राप्त किया की अंतिम फाली। सा मी सपक कहलाते है।
क्षयोपशम -Ksuyopasana. आपण - Krupane.
Destruct/on-cum-subaldence of turmar). The act of destruction of formos.
सौ के एादेश का क्षय तया एकदेश का उपशम होना । कमों की निर्जरा करना, नए करना ।
मयोपशम लब्धि-Ksasupasanalabdhi. सपणकाल-Kopunakala.
Attainment of right failh by the dealruction and Penod of Karmic eradication or annihilation. subsidence of Karmits
अल्पबहत्व. मोहनीय कर्म माश काल की तारतम्यता । जालावरणीय कर्म के एक देश सय को अयोपशम कहते है। क्षपणसार-Ksaparasara.
सयोपशम होने पर आमा ने शो शाम उत्पन्न होता है उसे A book written by Acharya Nomichandra
सायोपशम लम्धि करो। SiddhantaChakravartl.
शांति -Ksainti. आचार्य नेविट निद्धान्त चक्रवर्ती (ई.981) द्वारा रचित Peace. Patlence. Foraveness. पोहनीय कर्म के पश विषयमा एक गंध ।
समा, कोष को जीतना, इससे सातादनीय का आशय होता है। सपणा-Kapari.
सायिक उपभोग - Krayika Upabhosa. Fasting,Apanance.
Infinite enjoyinonl after destruction of obaturप्रतिमण, पस आदि के द्वारा समीक्षा कय करना ।
ctive karms मपित कमाक्षिक-Kapitakarmiresika.
उपोगान्सराय कर्म के न होने से आस्था के अनंत उपभोग Part of tarmos which is to be eradicaled.
होला है. सिंहासन, छत्र, चमर, आदि विभूतियां प्राप्त होगा । अयणा करते एकवचा अल्पदव्य, जिसे शीघ्र ही क्षबार आयिक पारिख-Ksayika Caritra दिया जाता है।
An attainment related to annihilating conduct. समाग -xromana
दर्शग नोट को 3 तथा चारित्र मोह की 25 इस तरह कुल 28
प्रक्रतियों का गिरोष विनाश होना। Arequent made to Acharya sain for forgiving पलारत्याख्यान विधि 40 अधिकारों में 314 अधिकार, क्षायिकशान-KudyikaJinarum. आचार्य आदि से बमा की याचना 1
inlinita knowledge after destruction of obstructive karmas.