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भद्रबाहु संहिता
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सहेलीको पुत्र प्राप्ति होती है। तथा उसे उपहार मिलते हैं। यदि पुरुष यही स्वप्न देखे तो यश प्राप्ति होती है।
झाडू यदि स्वप्नमें नया झाडू दिखाई पड़े तो शीघ्र ही भाग्योदय होता है। पुराने झाडूका दर्शन करने से सट्टेमें धन हानि होती है। यदि स्त्री इसी स्वप्नको देखे तो उसे भविष्य में नाना कष्टींका सामना करना पड़ता है।
मृत्यु-स्वप्न में मृत्यु देखने से किसी आत्मीयकी मृत्यु होती है; किन्तु जिस व्यक्तिको मृत्यु देखी जाती गयी है, उसका कल्याण होता है। मृत्युका दृश्य देखना, भरते हुए व्यक्तिकी छटपटाहट देखना अशुभ सूचक है। किसी सवारीसे नीचे उतरते ही मृत्यु देखना राजनीतिमें पराजयका सूचक है। सवारीके ऊपर चढ़कर ऊँचा उठना तथा किसी पहाड़पर ऊंचा चढ़ना भी शुभफल सूचक होता है।
युद्ध-स्वप्नमें युद्धका दृश्य देखना, युद्धसे भयभीत होना, मारकाटमें भाग लेना तथा अपनेको युद्ध में मृत देखना जीवनमें पराजयका सूचक है, उस प्रकारका स्वप्न देखने से सभी क्षेत्रोंमें असफलता मिलती है। जो व्यक्ति युद्धमें अपनी मृत्यु देखता है, उसे कष्ट सहन करने पड़ते हैं तथा वह प्रेममें असफल होता है। जिससे वह प्रेम करता है, उसकी ओरसे ठुकराया जाता है। युद्धमें विजय देखना सफल प्रेमका सूचक है। जिस प्रेमिका या प्रेमीको व्यक्ति चाहता है वह सरलतापूर्वक प्राप्त हो जाता है। नग्न होकर युद्ध करते हुए देखने से मृत्युमें सफलता मिलती है। तथा अनेक स्थानोंपर भोजन करनेका निमन्त्रण मिलता है। यदि कोई व्यक्ति किसी सवारी पर आरूढ़ होकर रणभूमिमें जाता हुआ दृष्टिगोचर हो तो इस प्रकारके स्वप्नके देखने से जीवनमें अनेक सफलता मिलती है।
इति श्रीपंचम श्रुत केवली दिगम्बराचार्य भद्रबाहु स्वामी विरचित भद्रबाहु संहिता का स्वप्न व उनके लक्षणोंका वर्णन करने वाला छब्बीसवाँ अध्यायका हिन्दीभाषानुवाद करने वाली क्षेमोदय टीका समाप्त।
(इति षड्विंशतितमोऽध्यायः समाप्त:)