________________
चूलगिरि अतिशय क्षेत्र, जयपुर (राजस्थान) में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव के शुभावसर पर भारत गौरव श्री 108 आचार्यरत्न देशभूषणजी महाराज के कर कमलों द्वारा विमोचन करवाया गया।
तजो मान करो ध्यान
में
भारत गौरव आचार्यरत्न श्री 108 देशभूषणजी महाराज का चातुर्मास वर्ष 1982 में जयपुर हुआ और इसी वर्ष दशलक्षण पर्व के शुभावसर पर समिति ने अपने तृतीय पुष्प के रूप में "तजो मान करो ध्यान" पुस्तक का प्रकाशन करवाकर आचार्य श्री के ही कर-कमलों द्वारा दिनांक 29-8-82 को महावीर पार्क, जयपुर (राजस्थान) में हजारों नर-नारियों के बीच इस पुस्तक का विमोचन करवाया। यह समारोह भी बहुत ही सुन्दर था ।
हुम्बुज श्रमण सिद्धान्त पाठावलि
ग्रन्थमाला समिति ने चतुर्थ पुष्प "हुम्बुज श्रमण सिद्धान्त पाठावलि" ग्रन्थ का प्रकाशन करवाया, इसका विमोचन परम पूज्य श्री 108 गणधराचार्य कुन्धुसागरजी महाराज के हासन (कर्नाटक) चातुर्मास में आयोजित इन्द्रध्वज विधान के विसर्जन के शुभावसर पर दिनांक 2-12-82 को हजारों जन-समुदाय के बीच बड़ी धूमधाम से इस महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक ग्रन्थराज का विमोचन करवाया। इस समारोह में मूड़बद्री के भट्टारक महास्वामीजी भी उपस्थित थे।
हुम्बुज श्रमण सिद्धान्त पाठावलि एक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ रत्न है। यह ग्रन्थ लगभग 75 ग्रन्थों का 1000 पृष्ठों का गुटका है। इसमें साधुओं के पाठ करने के सभी आवश्यक स्त्रोतों का संकलन कर प्रकाशन करवाया है। इस ग्रन्थ के प्रकाशन से साधुओं को अनेक ग्रन्थ साथ में नहीं रखने पड़ेंगे। साधु संघ के विहार के समय अनेक ग्रन्थों को मार्ग में ले जाने से जो दिक्कत होती थी, वह अब नहीं होगी और साथ ही साथ जिनवाणी की भी अविनय नहीं होगी ! मात्र एक ही ग्रन्थराज (हुम्बुज श्रमण सिद्धान्त पाठाबलि) के रखने से सारा कार्य हो जायेगा। इस प्रकार के ग्रन्थ का प्रकाशन प्रथम बार ही हुआ है ऐसा सभी साधुओं व विद्वानों का मत है । साधुवर्ग इस प्रकाशन से बहुत लाभान्वित हुआ है। यह ग्रन्थ सभी संघों में साधुओं को ग्रन्थमाला समिति की ओर से मात्र डाक खर्च पर स्वाध्याय हेतु वितरित किया गया है।