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भद्रबाहु संहिता
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घातक लग्न मेष, वृष आदि द्वादश राशिवालोंको क्रमशः मेष, वृष, कर्क, तुला, मकर, मीन, कन्या, वृश्चिक, धनु, कुम्भ, मिथुन और सिंह लग्न घातक हैं। अतः यात्रामें वर्जित हैं।
राशि ज्ञात करने की विधि - चू, चे, चोला, ली, लू, ले, लो और आ इन अक्षरों में से कोई भी अक्षर अपने नामके आदिका हो तो मेषराशि; ई, उ, ए, ओ, बा, बी, बू, बे और बो इन अक्षरोंमें से कोई भी अक्षर अपने नामका आदि अक्षर हो तो मिथुन राशि; ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे और डो इन अक्षरों से कोई भी अक्षर अपने नामका आदि अक्षर हो तो कर्क राशि; मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू और टे इन अक्षरोंमेंसे कोई भी अक्षर नामका आदि अक्षर हो तो सिंह राशि टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे और पो इन अक्षरोंमें से कोई भी अक्षर नामका आदि अक्षर हो तो कन्याराशि; रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू और ते इन अक्षरोंमेंसे कोई भी अक्षर नामके आदिका अक्षर हो तो तुला राशि; तो, ना, नी, नू, ने, नो या, यी और यू इनं अक्षरोंमें से कोई भी अक्षर नामके आदि का अक्षर हो तो वृश्चिक राशि; ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा और भे इन अक्षरोंमें से कोई भी अक्षर नामका आदि अक्षर हो तो धनु राशि; भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा और गी इन अक्षरोंमें से कोई भी अक्षर नामके आदि का अक्षर हो तो मकर राशि; गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो और दा इन अक्षरोंमें से कोई भी अक्षर नामका आदि अक्षर हो तो कुम्भ राशि एवं दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा और ची इन अक्षरोंमें से कोई भी अक्षर नामका आदि अक्षर हो तो मीन राशि होती है।
संक्षिप्त विधि- आला = मेष, उवा = वृष, काछा = मिथु, डाहा = कर्क, माटा = सिंह, पाठा = कन्या, राता = तुला, नोया = वृश्चिक, मू, धा फा, ढ = मकर, गो सा = कुम्भ, दा चा = मीन।
उपर्युक्त अक्षर विधि परसे अपनी निकालकर घाततिथि, घातनक्षत्र, घातवार और घातलग्न का विचार करना चाहिए।
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