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भद्रबाहु संहिता
लाभकी सम्भावना है। यदि शुक्रवारको सूर्य-परिवेष दिखलाई पड़े तो आरम्भमें वस्तुओंके भाव तटस्थ रहते हैं, परन्तु औषधियों, विदेशसे आनेवाली वस्तुएँ और पशुओंकी कीमतमें वृद्धि हो जाती है। श्वेत रंगकी वस्तुओंका मूल्य सम रहता है, लाल और नीले रंगके सभी पदार्थोंका मूल्य बढ़ जाता है। शनिवारको चन्द्र-परिवेष दिखलाई पड़े तो काले रंगके सभी पदार्थ तीन महीनों तक सस्ते रहते हैं। लाल
और श्वेत रंग के पदार्थ तीन महीनों तक महँगे रहते हैं। जवाहरात विशेषरूपसे महंगे होते हैं। सोना, चाँदी आदि खनिज पदार्थों के मूल्यमें असाधारणरूपसे वृद्धि होती है। यदि इमी दिन सूर्य-परिवेष दिखलाई पड़े तो सभी प्रकार की वस्तुओंके मूल्यमें वृद्धि होती है। विशेषरूपसे जूट, सीमेन्ट, कागज एवं विदेशसे आनेवाली वस्तुएँ अधिक महँगी होती हैं। चीनी, गुड़, शहद आदि मिष्ठ पदार्थोक मूल्य गिरते हैं। यदि उक्त प्रकारका सूर्यपरिवेष दिन भर रह जाय तो इसका फल व्यापारके लिए अत्यन्त लाभप्रद है। वस्तुओंके मूल्य चौगुने बढ़ जाते हैं और व्यापारियोंको अपरिमित लाभ होता है। बाजारमें यह स्थिति अधिक से अधिक पाँच महीनों तक रह सकती है। आरम्भके तीन माह विशेष महँगाईके और अवशेष दो महीने साधारण महँगाई के होते हैं।
इति श्री पंचमश्रुतकेवली दिगम्बराचार्य भद्रबाहु स्वामी विरचित भद्रबाहु संहिताका परिवेषोंके लक्षण व फलोंका वर्णन करने वाला चतुर्थ अध्याय की हिन्दी भाषानुवाद क्षेमोदय टीका समाप्तः ।
(इति चतुर्थोऽध्यायः समाप्तः)