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भद्रबाहु संहिता
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मल्हम लगाने का औजार (Spatulate) हाथ पर यदि साथ झुकी हुई तथा लम्बी के स्थान पर सीधी हो तो उसका दिमाग कार्यशील शक्ति को लेने के लिये आभ्यासिक उन्नति करता है। तमा और वास्तविकता झाथ की बनावट के विषयों के गुणों से प्रकट हैं।
दार्शनिक हाथ पर यदि लम्बी तथा झुकी के स्थान पर सीधी हो तो वह तर्क तथा आभ्यासिक प्रवृत्तियों में मानसिक उन्नति करता है जिसकी कि ऐसे हाथों में आशा की जाती है।
___ यही कायदा नुकीले तथा (Psychic) भले चंगे हाथों के विषय में ठीक है किन्तु मिले हुए हाथ में सब से अच्छी रेखा लम्बी सीधी सतह पर की होती है क्योंकि वह श्रेणी हर प्रकार का मिश्रण होने के कारण, अभ्यासी या उभरी हुई मानसिकता अपनी प्रवृत्ति को अन्य प्रवृत्तियाँ, जो कि इस प्रकार के हाथ से प्रकट हैं निकालने के लिए चाहती है।
स्वास्थ्य रेखा यह स्वास्थ्य-रेखा कहाँ पर होनी चाहिए इस विषय में बहुत मतभेद हैं (1 चित्र 19) मेरे अनुभव से तो यह रेखा बुध के उभार के नीचे या उसमें से निकलती हैं और वह सीधी हथेली को पार करके जीवन-रेखा से मिलती हैं तो वह बीमारी बतलाती हैं किन्तु उस वर्ष जबकि यह स्वास्थ्य-रेखा जीवन-रेखा से मिलती है तो बीमारी हद दर्जे तक पहुँच जायेगी। यह याद रखना चाहिए कि जीवन रेखा जिस प्रकार का जीवन वह मनुष्य व्यतीत करता हैं, बतलाती हैं जहाँ कि ये दोनों रेखायें पास मिल जाती हैं और यदि वह मनुष्य दूसरी के ही बराबर शक्ति रखती है तो वह स्थान मृत्यु का वर्ष बतावेगी यद्यपि जीवन-रेखा इस स्थान से गुजरती हुई आगे निकल जाती हैं (2 चित्र 19) बुध की रेखा या स्वास्थ्य रेखा दिमाग से सम्बन्ध रखती हैं इसलिए यह बतलाती है कि यद्यपि बाल्यावस्था में ही सब कुछ जानता हुआ भी आया चैतन्य दिमाग भी (Nervous system......) में रोकने की शक्ति से अनभिज्ञ रहता है वह जनता है कि कितनी देर तक यह शक्ति