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भद्रबाहु संहिता
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हथेली पर १२ ग्रहों के क्षेत्रचित्र ३४ उक्त नवीन क्षेत्र निर्धारण में मंगल के प्रथम क्षेत्र को हर्षल का सूर्य तथा शनि क्षेत्र के नीचे राहु क्षेत्र के निम्न आधे भाग को प्लूटो का तथा उच्च चन्द्र क्षेत्र को नेपच्यून क्षेत्र मान लिया गया है। परन्तु इन नवीन ग्रहों के फलाफल तथा जातक के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के सम्बन्ध में अभी तक कोई विशेष एवं निश्चित खोच नहीं हो पाई है, अतः हस्त-परीक्षा करते समय केवल प्राचीन ग्रह क्षेत्रों के आधार पर ही विचार किया जाता है। वैसे भी, इन नवीन ग्रहों के लिए जो क्षेत्र निश्चित किये गये हैं, वे प्राचीन ग्रह क्षेत्रों से मिलते-जुलते प्रभाव वाले ही होते हैं।
प्राचीन ग्रह-क्षेत्रों की हथेली पर अवस्थिति को इस पृष्ठ पर दिये गये चित्र में प्रदर्शित किया गया है।