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भद्रबाहु संहिता
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मणिबन्धन मणिबन्धन स्वास्थ्य पर कुछ प्रभाव रखने के अतिरिक्त और बहुत कम महत्त्वपूर्ण है। (3-3 चित्र 20) ये तीन होते हैं जबकि यूनानियों के मतानुसार स्वास्थ्य, धन तथा खुशी के कहे जाते हैं।
यह बहुत कम होता कि ये तीनों ही पाये जायें।
यूनान के प्राचीन ग्रन्थों का अवलोकन करने से ज्ञात होता है। कि प्रथम मणिबन्धन के विषय में एक महत्त्वपूर्ण बात यह है। कि कलाई के पास वाला ही प्रथम मणिबन्धन है जबकि स्वथ्य बतलाया है।
एक समय में ग्रीस में स्त्रियाँ पादरियों के पास शादी कराने से प्रथम अपने हाथों की परीक्षा के लिये आती थी। यदि पादरी प्रथम मणिबन्धन को उसके स्थान से हाथ में धनुषाकार होते (4 चित्र 20) देखता है तो उसे किसी भी दशा में शादी करने के लिए नहीं कहता | इसके सम्बन्ध में यह विचार है कि वहाँ पर कुछ आन्तरिक गड़बड़ होती है। जबकि बच्चों के लिये रुकावट सिद्ध होती है। ऐसी दशा में ये स्त्रियाँ मन्दिरों में पवित्र कुमारियाँ बना ली जाती है। प्राचीन यूनानी पादरी इस विचार में सत्य होते थे क्योंकि यह मणिबन्धन अन्दर को धनुषाकार होने से दोनों स्त्री तथा पुरुष आन्तरिक दुर्बल होते है | और विशेषकर जाति सम्बन्ध में अधिक कमजोर होते हैं।
अनुभव रेखा (VIa Jucivr) __ अनुभव रेखा (5 चित्र 20) दार्शनिक, नुकीली तथा (Psychic) आत्मिक हाथों के अतिरिक्त कम पाई जाती है (Spatulete) हाथ में भी अक्सर पाई जाती
यह बहुत कुछ अर्द्धवृत्ताकार होता है। जो बुध के उभार से चन्द्रमा के उभार तक जाती है, या अकेले चन्द्र के उभार पर भी पाई जाती है। यह स्वथ्य रेखा के साथ नहीं मिला देनी चाहिये। लेकिन अपने आप में साफ निशान होता हैं।
यह बहुत ऊँची भावुक प्रकृति, पूर्व चिन्ता, उत्साह, उच्च दर्जे की वह शक्ति जो कि उन चीजों को देखे, जो कि ज्ञान से परे हैं (clairuoyance}