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विषयानुक्रम
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चन्द्र द्वारा शनि, रवि आदि ग्रहों के घात का फल क्षीण चन्द्रमा का फल विदेचन चौबीसवाँ अध्याय ग्रहयुद्ध के वर्णन की प्रतिज्ञा यायी संज्ञक ग्रह जय-पराजय सूचक ग्रह चन्द्रघात और राहुयात शुक्रघात ग्रहयुद्ध के समय होने वाले ग्रहवर्गों के अनुसार प.लादेश रोहिणी नक्षत्र के घातित होने का फल ग्रहों की वात-पित्ताति प्रकृतियों का विचार विवेचन पच्चीसवां अध्याय नक्षत्र और ग्रहों के निमितजान की आवश्यकता ग्रहों की आकृति, वर्ण और चिह्नों द्वार। तेजी-मन्दी का विचार ग्रहों के प्रतिपुद्गल मक्षयों के सम्बन्ध के अनुसार विभिन्न ग्रहों द्वारा नेजी-गन्दी एवं
होमाधिकता वा विचार विवेचन हदीसवाँ अध्याय मंगलाचरण स्वप्नदर्शन के कारण वात, पित्त और कफ प्रकृतिबालों द्वारा दृष्ट
स्वप्नों का फल राज्यप्राप्तिमुचक स्वप्न जयसूचक स्वप्न विपत्तिमोचन-सूचक स्वप्न धन-धान्यवृद्धि-गुच। स्वप्न शस्त्रघात, पीड़ा तथा कष्टगुवक स्वप्न स्त्रीप्राप्ति सूचक स्वप्न मृत्युसूचक स्वप्न कल्याण-अकल्याण सुचव स्वप्न धन-प्राप्ति एवं धन वृद्धि सूचक स्वप्न
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