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भद्रबाहुसहिता
जल --रवप्न में विमान जान दम्यन गे कल्याण, जल द्वारा अभिषेक देखने से भूमि प्राप्ति, गल में पारा होना मृत्यु, जल को तैरकर पार करना देखने में सुग्न और जल पीना दमन गट होता है।
जना रबान में जता देखने में विदेश-यात्रा, जता प्राप्त कर उपभोग करना दमन मे उबर, एवं जना स मार-पीट करना देखने में छ महीने में मत्य होती है।
निल-तेल-तिल तेल और मुली की प्राप्ति होना देखन कट, पीना और भक्षण करना देखने म मत्प, मालिश करना देखन ग मत्य तुल्य कष्ट होता है।
दयि... स्वप्न में दही दखने म प्रीति, भक्षण वरना देखने से यश-प्राप्ति, भात के साथ भक्षण करना दमन में मन्ताम-लाभ और दूसरों को देना-लेना देखने से अर्थलाभ होना है।
न - दांत कामगार हो गये और गिरने के लिए तैयार हैं, या गिर रहे म देखने ग धन का नाश और शागरिक होता है 1 बमहमिहिर वे मत में ग्वा में नमा, दान और गो . गिरना नायना मायमचा है।
दीपक-- स्वप्न में दीपक जला हा देखने में अधनाप, स्मात् निर्वाण प्राप्तहान म मत्य और ऊध्वं लो दलने से यश-प्राप्ति होती है ।
देव प्रतिमा-स्ट देव या दोन पूजन और आह्वान करना देखने में निकाली प्रानि मा पर गोश मिलता है। स्वप्न में प्रतिमा कामिगत होना. गिरगा, हिलना, चलना, नाचना और गात हा देयने से आधिव्याधि और मत्यु होती है।
नग्न--- स्थान में नग्न होकर मस्तक पर लाल रंग की पुष्पमाला धारण करना म्वन ग मन्य होती है।
लत्य - स्वप्न में स्वयं का नत्य ना दमने से रोग और दूसरों की नृत्य यस्ता हुआ दमन में अपमान होता है। वहमिहिर के मन म-नत्य का किसी भी रूप में दाना गभमुचक है।
पक्वान्न म्हाना में पक्वान्न कहीं से प्राप्त कर भक्षण करता हुआ देखे तो रोगी की गन्य होती है। और ग्वस्थ बाक्ति बीमार होता है। स्वप्न में पूरी, कारी, मालपुआ और मिष्टान्न ताना देखने में गीध मृत्यु होती है।
फल .- वन में फल देखने से धन की प्राप्ति, फल खाना देखने से रोग एवं सन्तान-नाश, और फल का अपहरण करना देखने से चोरी एवं नृत्यु आदि अनिष्ट फलों की प्राप्ति होती है।
फूल - स्वप्न में श्वेत पुष्यों का प्राप्त होना देखने से धन-लाभ, रक्तवर्ण के पुरुषों का प्राप्त होना देने ग गंग. पीतवर्ण के गुप्पों का प्राप्त होना देखने से यश एवं धन-लाभ. हरितवर्ण के पुष्पों का प्राप्त होना देखने में इप्ट-मित्रों का मिलना और वृष्ण गण के पुष्प देखो गे मृत्यु होती है।