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भद्रबाहुसंहिता है । शासन प्राप्त पार्टी या दल को पराजित होना पड़ता है। शहर के मध्य में कुत्ते । ऊंचे मुंह कर लगातार आठ दिन तक भूकते दिखलाई पड़ें तो भी राजनीतिक झगड़े उत्पन्न होते हैं । जिस नगर या गाँव में गोदड़, कुत्ते और चूहा बिल्ली को मार । लगायें, उस नगर या गाँव में राजनीति को लेकर उपद्रव होते हैं । उसमें अशान्ति इस घटना के बाद दस महीने तक रहती है। जिस नगर या गाँव में मूखा वृक्ष स्वयं ही उखड़ता हुआ दिखलाई पड़े, उस नगर या गांव में पार्टीबन्दी होती है। नेताओं और मखियों में परस्पर वैमनस्य हो जाता है, जिससे अत्यधिक हानि होती है । जनता में भी फट हो जाने से राजनीति की स्थिति और भी विपण हो जाती है। जिस देश में बहुत मनुष्यों की आवाज सुनाई पड़ें, पर बोलने वाला कोई नहीं दिखलाई दे उम देश या नगर में पांच महीनों तक अशान्ति रहती है । रोग बीमारी का प्रयोग भी बना रहता है। यदि सन्ध्या ममय गीदड़, लोमड़ी किसी नगर या ग्राम के चारों ओर मदन करें तो भी राजनीतिमः झंझट रहता है।
वैयक्तिक हानि-लाभ सूचक उत्पात · यदि कोई व्यक्ति बाजों के न बजाने पर भी लगातार सात दिनों तक माजों की नि गने नो चार महीने में उसकी मत्यु तथा धनहानि होती है। जो अपनी नाक वा प्रभाग पर मक्खी के न रहने पर भी मनखी बैठी हुई देखता है, उसे व्यापार में चार महीन तक हानि होती है। यदि प्रातःकाल जागने पर हाथों की हथेलियों पर दृष्टि पड़ जाय तथा हाथ में कालश, ध्वजा और छत्र यों ही दिखलाई पड़ें तो उसे सात महीने तक धन का लाभ होता है तथा भावी उन्नति भी होती है। कहीं गन्ध के साधन न रहने पर भी सुगन्ध मालग पड़े तो भित्रों में मिनरप, शान्ति एवं व्यापार में लाभ तथा सुख की प्राप्ति होती है । जो व्यनित स्थिर चीजों को चलायभान और चञ्चल वस्तुओं को स्थिर देखता है, उसे व्याधि, मणभय एवं धननाण के कारण कष्ट होता है । प्रात काल यदि आप काला दिखलाई पड़े और मुर्य में अनेक प्रकार के दाग दिखलाई दें तो उस व्यक्ति को तीन महीने के भीतर रोग होता है।
सुख-दुःख को जानकारी के लिए अन्य फलादेश
नेत्रस्फरण - ओख पाकने का विशेष फलादेश दाहिनी आंग्य का नीचे का कान के पास ना हिम्सा फड़पाने ग हानि, नीचे या मध्य । हिस्सा फड़कान में भय और नाक के पास वाली नीच का हिस्सा फड़कने से धनहानि, जात्मीय को काट या मृत्यु. क्षय आदि फल होते हैं। इसी आँख का ऊपरी भाग अर्थात् बरोनी का कान के निवास बाला हिस्स। फड़कने से सुख, मध्य का भाग फनाड़ने से धनलाभ और ऊपर ही नाम के पाग वाला भाग फड़कने से हानि होती है । बायों आँख का नीचे वाला भाग नाक का पारा का फड़कने से सुख, मध्य का हिस्सा फड़कने से भंग और कान के पास वाला नीचे का हिस्सा फड़कने स सम्पत्ति-लाभ होता है । बरौनी