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भद्रबाहुसंहिता
प्रथम वर्ग के हैं तथा आ और र द्वितीय वर्ग के हैं। यहाँ प्रथम वर्ग के तीन वर्ण और द्वितीय वर्ग के दो वर्ण हैं, अतः प्रथम और द्वितीय वर्ग का संयोग होने से यह प्रश्न संयुक्त नहीं कहलायेगा।
यदि प्रश्नवालय में संयुक्त वर्णों की अधिकता हो .. प्रथम और तृतीय वर्ग के वर्ण अधिक हों अथवा प्रश्न वाक्य का आरम्भ कि चि टि ति पि यि शि को चो टो तो यो शो ग ज ड द ब ल स गे जे डे दे से अश्रया क - ग, क : ज्, क् । ड्, क् +-द्, क - छ, के + ल, क् ! स्, च् + ज्, च-1-ड्, च् + द, च -- , च् । ल, च - स, --ग, ट्-F, टू - इ, ६, ८-५, ट् । ल, ट्। स्, त्-1- ग, तु - ज, त् । इ, त् --द्, त्-:-, त् - ल, त् ।-स्, दु । ग, द् |- ज्, द् ड् द । ब, द ल, द्- स, य-1- ग. . यू - ड्, य-+-द, य व , य- ल, य -- स, श-! ग, श+ज, +ड़, श+द, श् |-ब, श् -1-ल, श : स, ग--क, ... , म द ग त्, ग् - 'ए, ग -!- य, म् । श्, ज् | का, ज् -1 , ज-1-, ज् न , ज -!-य, ज् -- श्, ड्+क, इ. च, , -त. इ-प इ -य, इ- श. --क, द म , द- ६, द्+ , द य , द्। श्, - , ब. च्, --. -F, प, बय, ब --'गा, लालच, ल -|-टू, ल--त्, ल् - :-, ल । श, स् + क्, स-+ च्, स्-|-ट्, स-| त्, स् , स् । य, म । मे होता हो तो संयुक्त प्रश्न का फल शुभ होता है ।
प्रथम और द्वितीय वर्ग, द्वितीय और चतुर्थ वर्ग, तृतीय और चतुर्थ वर्ग एवं पंचम वर्ग के वर्गों के मिलने से असंयुक्त प्रश्न कहलाता है। प्रथम और द्वितीय वर्गाक्षरानो संयोग से ... क ख, च छ, ट छ, त थ, प फ, य र इत्यादि, तृतीय और चतुर्थ वर्णाक्षरों मंयोग से-ख घ, छ, टर, थ ध, फ 'भ, और र व इत्यादि; तृतीय और चतुर्थ वर्गारों के संयोग से-गा, जझ, उद्ध, दध वभ, इत्यादि एवं चतुर्थ और पंचम वर्णाक्षरों के संयोग से—प्रङ, झज, ढणं, धन, भम इत्यादि विकल्प बनते हैं। असंयुक्त प्रश्न होने से फल की प्राप्ति बहुत दिनों के बाद होती है । यदि प्रथम और द्वितीय वर्गों में अक्षयों के मिलने से असंयुक्त प्रश्न हो तो धन लाभ, कायं सफलता और राजसम्मान अथवा जिस गम्बन्ध में प्रश्न गूछा गया हो, उग फल की प्राप्ति तीन महीनों के पश्चात् होती है । द्वितीय, चतुर्थ वर्गाक्षगक संयोग से असंयुक्त प्रश्न हो, तो मित्र प्राप्ति, उत्सव बृद्धि, कार्य साफल्य की प्राप्ति छ: महीने में होती है। तृतीय और चतुर्थ वर्गाक्षरों के संयोग से असंयुक्त प्रश्न हो, तो अल्प लाभ, पुत्र प्राप्ति, मांगल्यवद्धि और प्रियजनों से झगड़ा एक महीने के अन्दर होता है। चतुर्थ और पंचम वर्गाक्षरों के संयोग से असंयुक्त प्रश्न हो, तो घर में विवाह आदि मांगलिक उत्सबों की वृद्धि, स्त्रजन प्रेम, यशः प्राप्ति, महान कार्यों में लाभ और वैभव की वृद्धि इत्यादि फलों की प्राप्ति गीन्न होती है।