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प्रस्तावना
है। शुक्रस्थान से शनिस्थान तक यदि रेखा जाय तथा यह रेखा खलायुक्त हो तो व्यक्ति का विवाह बड़ी कठिनाई से होगा। शुक्र और गुरु दोनों के स्थानों के उन्नत होने से संसार में प्रसिद्धि प्राप्त करता है । ___ शनि के स्थान के उच्च होने में व्यक्ति अभापी वानापित, पातप्रिय, विचारक, दार्शनिक और भाग्यशाली होता है। शनि स्थान के नीचे होने से व्यक्ति भावुक, कमजोर और दुर्भाग्यशाली होता है। शनि और बुध दोनों स्थानों के उच्च होने से व्यरित क्रोधी, चोर और अधार्मिक होता है।
इस निमित में योगों का विचार करते हुए बताया गया है कि जिस परूप की नाभि गहरी हो, नासिका का अग्र भाग सीधा हो, वक्षःस्थल रक्त वर्ण और पैर के तलवे कोगल तथा रक्तवर्ण के हो, वह सम्राट ये मुल्य प्रभावशाली होता है। ऐसा व्यक्ति अनेक प्रकार के सुख भोगता है तथा मन्त्री, नेता या किसी संस्था का निर्देशक होता है। जिसकी हमेली ये मध्य का, अश्व, मृदंग, वृक्ष, स्तम्भ या दाड का चिहन हो तो वह व्यतित समृद्धिशाली, धनी, सुम्नी और अद्भुत प्रभावशाली होता है । जिसका ललाट चौड़ा और विशाल, नेत्र व.भलदल के समान, मस्तक मोल, और भुजाएँ जानुपर्यन्त हों, वह व्यक्ति नेता, राजमान्य, पूज्य, शक्तिशाली और सुखी होता है । जिराके हाथ में फूल की माला, घोड़ा, कमलपुष्प, धनुष, चक्र, ध्वजा, रथ और आसन का चिह्न हो वह जीवन में सदा आनन्द भोगता है, उसके घर में लक्ष्मी का निवास सदा रहता है।
जिसके हाथ की सूर्य रेन्द्रा, मस्तक रेखा से मिली हो और मस्तक रेखा से स्पष्ट, सीधी होकर ऊपर गुरु की ओर झुकने से वहाँ चतुष्कोण बन जाय वह प्रधान मन्त्री या मुग्ध्य नेता होता है । जिराय हाथ के सूर्य गुरु पर्वत उच्च हों और शनि एवं बुध रेखा पुष्ट, स्पष्ट और सीधी हो वह राज्यपाल या गवर्नर होता है । जिसके हाथ में शनि पर्वत पर त्रिशूल यिह हो, चन्द्ररेखा का भाग्यरेखा में शुद्ध सम्बन्ध हो या भाग्य रेखा हथेली के मध्य से प्रारम्र होकर उसकी एक शाखा गुरुपति पर और दूसरी सूर्य पर्वत पर जाय वह उच्च राज्याधिकारी और गुण ग्राही होता है । जिसके हाथ के गुरु और मंगल पर्वत उच्च हों तथा मस्तक रेखा में सर्प का चिह्न हो या बुधांगुली नुकीली और लम्बी हो एवं नख चायादार हों, वह राजदूत बनता है । जिगये बायें हाथ की तर्जनी और नानिमिठका की अपेक्षा दाहिने हाथ को वे ही अंगुलियाँ गोटी और बड़ी हो, मंगल पर्वत अधिक ऊँचा उठा हो
और सूर्य रेखा प्रबल हो वह जिलाधीश या कमिश्नर होता है । जिसके हाथ का गुरुह, गति, सूर्य और बुध पर्वत उच्च हों, अँगुलियाँ लम्बी हो कर उनके ऊपरी भाग मोटे हों, मूर्परेखा प्रबल हो और मध्यमगली का दूसरा पर्व लम्बा हो, वह शिक्षा विभाग का उच्च पदाधिकारी होता है। ___जिसके हाथ की हृदय रेखा और मस्तक रेखा के बीच एक चौड़ा चतुष्कोण