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भद्रबाहुसंहिता
वर्षा, आर्थिक कष्ट, आवास की समस्या और अन्न कष्ट, एवं शनिवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो राजा और प्रजा दोनों को अपार कष्ट होता है ।
माघ मास में मंगलवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो चैती फसल बहुत उत्तम, लोहा के व्यापार में पूर्ण लाभ, रबर या गोंद के व्यापार में हानि, राजनीतिक उपद्रव और अशान्ति, बुधवार को दिखलाई पड़े तो उत्तम वर्षा; सुभिक्ष, आर्थिक विकास और शान्ति, गुरुवार को दिखलाई पड़े तो सुख, सुभिक्ष और प्रसन्नता; शुक्रवार को दिखलाई पड़े तो शान्ति, लाभ और आनन्द एवं शनिवार को दिखलाई पड़े तो अपार कष्ट होता है । प्रातः काल शनिवार को इस महीने में गन्धर्व नगर का देखना शुभ होता है । उस प्रदेश में सुभिक्ष, सुख और शान्ति रहती है ।
फाल्गुन मास में मंगलवार को गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो आषाढ़ से आश्विन तक अच्छी वर्षा होती है, गेहूं, धान, ज्वार, जौ, गन्ना के भाव में महँगी रहती है। यद्यपि कार्तिक के पश्चात् ये पदार्थ भी सस्ते हो जाते हैं। व्यापारियों, कलाकारों और राजनीतिज्ञों के लिए वर्ष उत्तम रहता है। बुधवार को गन्धर्वनगर दिखलाई देने में फाल में कमी, राज या अधिकारी शासक का विनाश, पंचायत में मतद एवं सोनके नाम तुला कोई दे तो पीले रंग की वस्तुओं का भाव सस्ता माल रंग की वस्तुओं का भाव महंगा और तिल, तिलहन आदि का भाव समर्थ, शुक्र को दिखलाई पड़े तो पत्थर, चूने के व्यापार में विशेष लाभ, जूट में घाटा और वर्षा समयानुसार एवं शनिबार को दिखलाई पड़े तो वर्षा अच्छी और फसल सामान्यतया अच्छी ही होती है ।
चैत्र मास में मंगलवार को सन्ध्या समय गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो नगर में अग्नि का प्रकोप, पशुओं में रोग, नागरिकों में कलह और अर्थहानि: बुधवार को मध्याह्न में दिखलाई पड़े तो अर्थविनाश, नागरिकों में असन्तोष, रसादि पदार्थों का अभाव और पशुओं के लिए चारे की कमी; गुरुवार को रात्रि में गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता को अत्यन्त कष्ट व्यहों का प्रचार अधार्मिक जीवन एवं अर्थक्षति, शुक्रवार की दिखलाई पड़े तो चातुर्मास में अच्छी वर्षा, उत्तग फसल, अनाज का भाव सस्ता, घी, दूध की अधिक उत्पत्ति, व्यापारियों को दान एवं शनिवार को मध्यरात्रि या मध्य दिन में गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो जनता में और संघर्ष, मारकाट एवं अशान्ति होती हैं । अराजकता सर्व फैन जाती है।
वंशाख मास में मंगलवार को प्रातःकाल या अपराह्न काल में गन्धर्वनगर दिखलाई पड़े तो तुर्मास में अच्छी वर्षा और सुभिक्ष, बुधवार को दिखलाई पड़े तो व्यापारियों में मतभेद, आपस में झगड़ा और आर्थिक क्षति गुरुवार को