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षष्ठोऽध्याय
सहित रामस्त सेना के युद्ध से लौट आने या पराइ मुख हो जाने की सूचना मिलती
है । 1 9।
अभिद्रवन्ति घोषेण महता यां चमूं पुनः । सविद्युतानि चाभ्राणि तदा विन्द्याच्चमृवधम् || 201
जिस सेना के ऊपर बादल घोर गर्जना करते हुए बरराते हैं तथा बिजली सहित होते हैं तो उस सेना का नाश सूचित होता है ॥20॥
रुधिरोदकवर्णानि निम्बगन्धीनि यानि च । व्रजन्त्य भ्राणि" अत्यन्तं सङ्ग्रामं तेषु निविशेत् ॥12 ॥
रुधिर के समान रंग वाली जलवर्षा हो और नीम जैसी गन्ध आती हो तथा बादल गमन करते हुए दिखलाई पड़े तो युद्ध होने का निर्देश बात करना चाहिए || 2 ||
विस्वरं रवमाणाश्च शकुना यान्ति पृष्ठतः ।
यदा चाभ्राणि धूम्राणि तदा विन्द्यान्महद्भयम् ॥22॥
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पीछे की ओर शब्द सहित अथवा शब्दरहित शकुन रूप धूम जैसी प्राकृति वाले वादन महान् भय की सूचना देते हैं ||22||
मलिनानि विवर्णानि दीप्तायां दिशि यानि च । दीप्तान्येव यदा यान्ति भयमाख्यान्त्युपस्थितम् ॥23॥
मलिन तथा वर्णरहित बादल दीप्ति दिशा सूर्य जिस दिशा में हो उस दिशा में स्थित हो तो भय की सूचना समझनी चाहिए 11231
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"सग्रहे "चापि नक्षत्रे ग्रहयुद्धे " शुभे तिथौ । सम्भ्रमन्ति यदाऽस्राणि तम विद्यान्महद् भयम् ॥2411
मुहरों शकुने वापि निमित्ते वाशुभं यदा । सम्भ्रमन्ति यदाऽभ्राणि तदा विन्यान्महद् भयम् ||25||
25।।
1 पोरण C. 12. ना सु । 3. प्रजन्ति अश्राम: अभ्राणि मु० 15 सधूमान A. BB | 6-7 B. E. । 8. विवर्णानि भू० A 9 ग्राम 11. अमुक्ते मु० 12. सम्भवन्ति
A. B. D. 4. यानि
महाश्रयम् " A., भयम् महत् मु संग्रहे म DI 10 वा ।
A,