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अमांक
आचार्य-नाम
गुरु-नाम
लेख क०
शक संवत् विशेष विवरण
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455 286
अ० 1128 " 1153
देवकीति मुनि बड़े भारी कवि, तार्किक और वक्ता थे । उक्त तिथि 1085 को उनका स्वर्गवास होने पर उनके शिष्यों ने उनकी निषद्या
बनवाई।
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लक्खनन्दिमुनि । माधवचन्द्रवती । देवकीर्ति त्रिभुवनमल्ल म०म० मेघयोगी चन्द्र
बालचन्द्र अध्यात्मी
(?)
1108 मू० दे० पू० । इनके एक शिष्य रामदेव विभ्र ने जिनालय बनवाया
व दान दिया। अ० 1110 -
नयकीर्तिदेव
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(हिरिय) नय- 535 कीत्तिदेव
210 हिरियनय- 339-40 कीत्तिदेव
189 - 260
धनकीर्तिदेव चन्द्रप्रभदेव म. म. चन्द्रकीर्ति कनकनन्दिदेव मल्लिषण सागरनन्दि सि० देव
1112 अ0 1108
1120 अ० 1120 .
" इनकी प्रतिमा है।
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85
86
अन्तर्द्वन्द्रों के पार
शुभचन्द्र.
"
526
81
मू० दे० पू० ।
देव