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मेरे विरह में मेरी प्रिया लम्बी-लम्बी साँस ले लेकर क्या यहां गई है ? जिसकी स्वाभाविक सांस की गन्ध को तुम्हारी नाभि को गन्ध अनुसरण कर रही है । !132||
(रोष पूर्वक)
ग्रन्थिपर्ण के कौर को धिक्कार है ? यह स्वेच्छा से रस प्रदान करना आरम्भ करता है । तो अपने कार्य को चाहने वाले हम लोगों का इससे निजी क्या कार्य है ||13||
(दूसरी ओर जाकर और देखकर ) यह चारों ओर से निकलती हुई कली से सुकुमार आम्रवृक्ष है । तो इससे पूछता हूँ।
तुम्हारी यह सुन्दर आम्रमंजरी जिसके कानों के आभूषण के योग्य थी, कर्णपर्यन्त विस्तृत लोचनों वाली, झुकी हुई मौहों वाली हाथी के समान क्रीडायुक्त गमन करने वाली वह कहीं चली गई ॥34॥
(हर्ष पूर्वक) ओह, समुच्चलित किसलय रूपो हाथ से यह पश्चिम दिशा को और निर्देश कर रही है, तो निश्चित रूप से यहाँ से ही गई है । तो मैं भी इसी मार्ग से जाता हूँ 1 (घूमता है)
मन्दभाग्य पाली में अपने आपको कितने काल तक धारण करेंगी ।
(ऐसा आधा कहने पर ) पवनंजय- (चारों ओर घूमते हुए कान लगाकर ) प्रिया का ही स्वर संयोग कैसा?
(पुनः आकाश में)
प्रिय सखि वसन्तमाला आर्य पुत्र ने उपेक्षा कर दी 135।। पवनंजय- (हर्षपूर्वक) ओह, प्रिया ही मिल गई । तो समीप में आता हूँ ।
(समीप में जाते हुए ) __ अरे । आप प्राण के समान मेरी उपेक्षा कैसे कर सकती हो । विरह से दुःखी हुआ जो इस प्रकार तुम्हारी हो एक मात्र शरण की अपेक्षा करता है । समीप में जाकर चारो ओर देखकर, घबड़ाहट के साथ) कहाँ छिप गई होगी । (आकाश मे लक्ष्य बाँधकर )
मेरा चित्त तुम्हारे दर्शनरूप उत्सव का उत्सुक है, हे भवशीले मेरे वापिस आ जाने पर तुम क्यों छिप गई हो । बिना स्थान के हो तुम कुपित हो । विरह के कारण उस प्रकार खिन्न हुए मुझे क्यों खित्र करने में प्रवृत्त हो गई हो IB6||
वसन्तमाला, क्या इस समय तुम भी प्रिय सखी को प्रसन्न नहीं कर रही हो?
(पुनः आकाश में मैं मन्दमाग्य वाली धारण करूंगी, इस प्रकाश पूर्वोक्त पढ़ा जाता है) पवनंजय - (सुनकर और देखकर) क्या यह फल रूपी किरीट के समूह से झुकी हुई
अनार को छड़ी पर बैठा हुआ तोता बोल रहा है। प्रिया के स्वर का अनुकरण करने वाले इस सुन्दर और मधुर आलाप से हम ठगे गए है । (सोचकर) अथवा इसने बहुत बड़ा उपकार किया । जो कि इसने जाति के स्वभाव से स्वाभाविक पाण्डित्य के बल से अवधारित गाढ रूप में वसन्तमाला के साथ प्रिया की स्थिति को सूचित किया । तो जिसे अर्जना का वृतान्त ज्ञात है, ऐसे इसी तोते से पूछता हूँ।