SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 989
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चक्र नियंत्रित व ऊर्जित करते हैं, वे भी स्वच्छ अधिक सक्रिय और ऊर्जित हो जाते (६) जिन्सँग का उपचार में उपयोग प्रयोगों के उपर्युक्त निष्कर्षों के कारण यह स्पष्ट हो जाता है कि चीनी और कोरियाई लोग जिन्सँग को क्यों अधिक आदर देते हैं। बहुत से चीनी और कोरियाई अपने स्वास्थ्य के संरक्षण व सुधारने हेतु, इसको नियमित रूप से लेते हैं। अनेक प्रकार के रोगों में, किसी विशेष अंग के उपचार हेतु जड़ी-बूटियों के साथ-साथ जिन्सँग भी चीनी दवाओं में निर्धारित (prescribe) किया जाता है। अन्य जड़ी बूटियों के साथ जिन्सँग व्यवहारिक रूप से सबको ठीक करने वाली (cure all) दवा समझी जाती है। (७) उपचारक और रोगी के लिए परामर्श यद्यपि यह आवश्यक तो नहीं है, किन्तु यदि उपचारक अधिक रोगियों के उपचार से पहले तथा बाद में, जिन्सँग की एक ग्राम मात्रा का सेवन करे, इससे उसका ऊर्जा का स्तर बढ़ेगा और उसकी उपचार करने की योग्यता भी बढ़ेगी। जो रोगी बहुत कमजोर हों, वे यदि उपचारक द्वारा उपचार किए जाने के पूर्व, एक से दो ग्राम जिन्सैंग का सेवन करें तो उनको लाभप्रद होगा। ५.५१७
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy