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________________ (थ) C ( बांहों, पैरों पर ) G OIE (बाहों, पैरों) (a, e, i, h. k, s के माध्यम से) G (दो श्वसन प्रक्रिया तक). ० ( दो श्वसन प्रक्रिया तक), R (पांच श्वसन प्रक्रिया तक)- H व s का स्थिरीकरण न करें। उंगलियों और एडियों या शरीर के अन्य भागों का सुन्नपना उनका C GOI E GOR द्वारा काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। (थ) उपचार को सप्ताह में तीन बार करें और धीरे-धीरे सप्ताह में दो बार तक करें। तीन से छह माह तक उपचार करें। गम्भीर केस में उपचार में लगभग छह माह या अधिक लग सकते हैं। सामान्यतया रोगी को काफी हद तक सुधार मालुम पड़ेगा। ऊपर जो श्वसन-प्रक्रिया की गिनती मात्र सामान्य मार्गदर्शन के लिए है इसमें उपचारक अपनी शक्ति को एवम रोगी की आवश्यक्तायें तथा दशा देखकर आवश्यक परिवर्तन कर सकते है। शक्तिशाली उपचारक रंगीन प्राण मात्र कुछ सैकिन्डो में प्रेषण कर सकता है. जबकि साधारण उपचारक को कई श्वसन-प्रक्रिया लग सकती हैं। (ध) इस रोग का उपचार केवल कुशल अनुभवी प्राणशक्ति उपचारक करें। ५.५१२
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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