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________________ (CSZ) (AP) X - पांच प्रभावित भाग को (CSZ) विधि से पांच बार c - गंदी तथा रोगग्रस्त ऊर्जा को निस्तारण इकाई में न५ होने के लिए झटकना (Flick) चूंकि इन उदाहरणों में रत्नों का उपयोग मात्र संयंत्र के तौर पर है, न कि उसके स्वयं के द्वारा सफाई/ऊर्जन के , अतएव, रत्नों को नीचे दिये गये उदाहरणों की प्रक्रिया अपनाते समय, पूरे उपचार में कोई निर्देश न दें। इन उदाहरणों में रंगीन ऊर्जा द्वारा उन्नत प्राणशक्ति उपचार के जो उदाहरण गत अध्यायों में आये हैं, उनका सन्दर्भ भी दिया गया है। साधारण रोग और गड़बड़ियां- Simple Ailments and Disorders (क) (CSZ) (AP) x पांच बार, F (ख) चरण (क) ५ सात बार (ग) E (AP) – यदि आप तय नहीं कर पायें कि (AP) का पूरी तरह E हुआ कि नहीं, तब E को तीन से पांच मिनट तक करें। यदि रोगी को अभी भी काफी आराम नहीं पहुंचा हो, तो चरण (क) तथा (ग) को एक या दो दफा दोहराएं। (ङ) यदि बीमारी के लक्षण अभी भी हो. तो रोगी को मैडिकल डाक्टर तथा उन्नत प्राणशक्ति उपचारक से मिलने के लिए कहें। घाव- wounds-- अध्याय ६ क्रम १० (१७), (१८) (क) (CSZ) (AP) x पांच बार, F (ख) चरण (क) x सात बार (ग) E (AP) – पांच से दस मिनट (घ) शीघ्र उपचार के लिए. दिन में तीन बार उपचार करें। (ङ) यदि घाव के ठीक होने में समस्या हो, तो 1 ( 1, 4, 6) (३)
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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