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(CSZ)
रत्नों द्वारा प्राण-शक्ति उपचार में उपयोग - उदाहरण Pranic Crystal Healing-- Examples
(१) सामान्य- General
(CPT)
अध्याय
इस अध्याय में दिये गए उदाहरणों में कुछ रोगों के रत्न / रत्नों के उपयोग के द्वारा उपचार करने की विधि दी गयी है। इसमें अध्याय ३० में वर्णित समग्र नियम, पद्धति आदि लागू होंगी। प्रत्येक उपचार में उपचारक के ग्रहण करने वाले हाथ में चक्र सक्रियक (CA) और प्रेषण करने वाले हाथ में लेसर रत्न (LC) एवम् जीभ को तालु से लगाने का विधान है। इनमें स्वच्छ पारदर्शक स्फटिक मणि (QC) द्वारा उपचार से तात्पर्य है । अध्याय ६ में दिये गये संदृष्टियों का इसमें भी उपयोग किया गया है। संक्षिप्तीकरण हेतु कुछ और संदृष्टियों का भी उपयोग किया है जो निम्नवत है:
(CUD)
(Csix)
GS
C
C'
-
३१
अध्याय ३० के क्रम संख्या ६ (क) में वर्णित विधि (ऊपर से नीचे) (upward to downward motion) द्वारा स्थानीय झाड़ बुहार करना (C)
अध्याय ३० के क्रम संख्या ६ (ख) में वर्णित ( हल्के से सर्पाकार गति ) ( slightly zigzag motion) द्वारा C
अध्याय ३० के क्रम संख्या ६ (ङ) में वर्णित पंक्चर करने की तकनीक (Puncturing technique) द्वारा C अध्याय ३० के क्रम संख्या ६ (च) में वर्णित छह भागों वाली चक्र को स्वच्छीकरण करने की तकनीक (sixsection chakral cleansing technique) ERT C
५.५००
रत्न द्वारा GS
रत्न द्वारा C (इसकी विधि स्वविवेक से उपचारक चुनें) रत्न द्वारा C ( इसकी विधि स्वविवेक से उपचारक चुनें)