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ऐसा संकटकालीन काम कर रहा हो जिससे उसकी तथा अन्य व्यक्तियों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है, तो उस समय उपचार न करें। बेहतर होगा कि माध्यमिक दूरस्थ उपचार पद्धति में बताये गये सलाह के अनुसार रोगी से उपचार के पूर्व तालमेल बैठा लें, ताकि रोगी की उपचार-ग्राह्यता. सुनिश्चित हो जाए तथा उपचार भी प्रभावी हो सके। उपचार के पूर्व दैवीय आशीर्वाद के लिए प्रार्थना। (क) ग्रहण करने वाले हाथ पर CA रखें और LC को प्रेषण करने वाले
हाथ पर रखें। (ख) रोगी को लगभग बारह इंच ऊंचा मानकर कल्पना करें। दृश्यीकरण
स्पष्ट होना आवश्यक नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि रोगी की उपचारी
ऊर्जा की इच्छाशक्ति ठीक होनी चाहिए। (ग) Gs तथा स्थानीय झाड़-बुहार करें। झाड़-बुहार के समय रोगी का
नाम बार-बार दोहराएं। इससे सफाई का काम अधिक प्रभावी होता है। ऊर्जन करें और ऊर्जन करते समय रोगी के नाम का बार-बार उच्चारण करें। यह इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि उपचारी ऊर्जा
अधिकांश रोगी को पहुंच जाए, न कि ब्रह्माण्ड को। (ङ) उपचार के पश्चात् प्रभु को दैवीय आशीर्वाद के लिए कृतज्ञता ज्ञापन
करें। (च) जब तक आवश्यक हो, सलाह में कई बार उपचार करें।
दूरस्थ उपचार को एक चित्रण चित्र ५.२६ में दिया गया है।
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