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(ध)
अन्य रोगी / रोगियों के उपचार समाप्त करने के बाद पुनः रत्नों को स्वच्छ करें, फिर उसको सिल्क के कपड़े अथवा केस में सुरक्षित तौर पर रख दें।
(११) विशिष्ट उपचार विधि - वितरणशील झाड़-बुहार
Special Healing Technique - Distribution Sweeping
उपचार के अन्त में, प्राण ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाकर और प्राण ऊर्जा को शरीर के विभिन्न भागों में फैलाकर, उपचार की गति बढ़ायी जा सकती है। इसको उपरोक्त क्रम संख्या १० (ड) में दिए गए क्रम में वर्णन के तदनुरूप करें। इसकी विधि निम्नवत है ।
(क) वितरणशील झाड़-बुहार को रोगी के शरीर के सामने से ऊपर 11 से नीचे 2 तक करे, फिर नीचे 2 से ऊपर 11 तक करें। इसको धीरे-धीरे पांच बार दोहराएं।
(ख) वितरणशील झाड़-बुहार को अगल-बगल में करें। रोगी के चेहरे के पास दोनों हाथ ले जाकर अपने हाथों को दाएं और बाएं ओर ले जाएं, फिर इसी प्रकार गले के सामने से, छाती के सामने से, नाभि के सामने से और 2 के सामने से दाएं और बाएं वितरणशील झाड़ बुहार करें।
(ग) विधि (क) और (ख) के अनुसार रोगी के पीछे से वितरणशील झाड़ बुहार करें, किन्तु इसमें 11 से 2 के स्थान पर 11 से 1 तक करना पड़ेगा, क्योंकि 2 की स्थिति शरीर के सामने और 1 की स्थिति शरीर के पीछे की ओर होती है। इसी उक्त (ख) में 'नाभि के सामने के बाद '2' के स्थान पर 1' के सामने से करें। इसी प्रकार 'छाती' के स्थान पर 'पीठ' के सामने से करें ।
(घ) बाहों और पैरों पर वितरणशील झाड़ बुहार करें। उक्त वर्णन चित्र ५.२३ में दर्शाया गया है।
५.४८८