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(५) पवित्रीकरण करने के पश्चात् रत्न की शक्ति काफी बढ़ जाती है,
क्योंकि वह दिव्य उपचारक ऊर्जा से चार्ज हुआ होता है। चक्रों पर सक्रियता का प्रभाव उपचारक के आध्यात्मिक विकास एवम कुशलता के अनुसार तीस से पचास प्रतिशत बढ़ जाता है। रत्न पवित्रीकरण की-कभी ही विमा जाता है। उसको एक या दो
साल बाद दोहराया जा सकता है। (७) पवित्रीकरण करने के पश्चात् उसको नियमित तौर पर मात्र स्वच्छ
करते रहना होता है। (८) पवित्रीकरण द्वारा ऊर्जा का बढ़ जाना चित्र संख्या ५.१३ तथा उपचार
शक्ति का बढ़ जाना चित्र ५.१४ में दृश्यीकृत किया गया है।
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