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सूक्ष्म पर्याप्त तथा अपर्याप्त जीव
अपनी-अपनी राशि के संख्यात भागों में से एक भाग प्रमाण अपर्याप्तक होते हैं और बहुभाग पर्याप्तक है। कारण यह है कि अपर्याप्तक के काल से पर्याप्तक का काल संख्यात गुणा है ।
(ड) आयु
एकेन्द्रिय
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rr
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त्रस
विवरण
शुद्ध पृथ्वी
खर पृथ्वी
जल कायिक
अग्निकायिक
वायुकायिक
वनस्पति कायिक
विकलेन्द्रिय एवं पंचेन्द्रिय
जघन्य आयु उच्छवास के
अठारहवें भाग
इससे उत्तरोत्तर संख्यात गुणी है, किन्तु अन्तर्मुहूर्त ही है
१.७७
उत्कृष्ट आयु
१२,००० वर्ष
२२,००० वर्ष
७,००० वर्ष
३ दिन ३,००० वर्ष १०,००० वर्ष
कैफियत
१ मुहूर्त
३.७७३ उच्छवास
१ दिन
=
= ३०
मुहूर्त