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________________ अध्याय – २४ ऊर्जा द्वारा मनोरोगों का उपचार-उदाहरण Pranic Psychotherapy- Examples आवश्यक निर्देश इस अध्याय में जहां कहीं cev या Eev का उपयोग का वर्णन आया है, वहाँ e द्वारा अध्याय २३ के क्रम ६ में वर्णित c द्वारा नकारात्मक पदार्थों का नष्टीकरण एवम् E द्वारा सकारात्मक पदार्थों का सृजन, चक्रों की जालियों के दरारों की मरम्मत व छेदों का सील करना आवश्यक रूप से निहित हैं। कृपया उपचार के सिद्धान्त तथा विधि जो अध्याय २३ में क्रम ६ पर दिये हैं, उन सभी का पालन करें। (१) तनाव और आधासीसी दर्द - Stress and Migraine Headache सबसे ज्यादा ये बीमारी होती है। जब आदमी तनाव में होता है, तो उसका 6 गलत तौर पर कार्य करता है और तनावमयी ऊर्जा से भर जाता है। 11 और 9 भी आंशिक रूप से प्रभावित होते हैं। स्वास्थ्य किरणें सीधी होने के स्थान पर लहरदार हो जाती है और बाह्य आभा मण्डल का रंग थोड़ा सा भूरा हो जाता है। (क) Gs (ख) C' 6~E (IV या ev), जब तक रोगी को कुछ हद तक आराम न मिल जाये। (ग) यदि 6 अति सक्रिय हो तो E 6 IB -- इसका संकुचन करने के लिए (घ) C7 1E 7 (7b के माध्यम से) ( IV या ev)- ऊर्जन के समय 7 को बड़ा होते दृश्यीकृत करें। इससे रोगी पर सुकून व शांतिमय प्रभाव पड़ेगा। E 7f न करें, अन्यथा इससे प्राण का घनापन हो जाएगा। ५.३६६
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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