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कारणों से होता है। 6 गंदी लाल ऊर्जा से घना हो जाता है । इस ऊर्जा का एक अंश रीढ़ की हड्डी में जाता है, जिसके कारण एक लम्बे समय में डिस्क हट जाती है। अति घनी लाल रंग की ऊर्जा चौड़ाने तथा कमजोर करने का प्रभाव डालती है। (क) Gs (ख) C (रीढ़ की हड्डी) G (ग) C" 8 - CL- यह अति महत्वपूर्ण है। (घ) C6 GBVI C'
आंतरिक शांति के लिए, 7 को सक्रिय करें। इसके लिए c 71 E 7b
GV' -7 को बड़ा होता हुआ दृश्यीकृत करें। (च) C रीढ़ की हड्डी का प्रभावित निचला हिस्सा) G~0- इसकी अच्छी तरह
सफाई महत्वपूर्ण है/ E GBY - इसका प्रभावित फाइब्रस रिंग (Fibrous ring) पर संकुचन तथा दृढ़ीकरण का प्रभाव पड़ता है।
C 1/ E R (ज) उक्त चरण (ग), (च) तथा (छ) महत्वपूर्ण हैं। यदि उपचार सही हो जाये, तो
रोगी आंशिक रूप से राहत महसूस करेगा और कुछ केसों में पूरी तरह ठीक
हो भी सकता है। (झ) C4/ E w (अ) पहले कुछ दिनों में, दिन में दो या तीन दफे, विशेषकर AP पर उपचार किया
जा सकता है। नोट – हरनियेटेड डिस्क में रीढ़ की हड्डियों के बीच गद्देदार कुशन की तरह की
डिस्क अपनी जगह से सरक जाती है। कुबड़ा होना- Scoliosis (Lateral Curvature of the Spine) 6 पर घनापन तथा 1 पर आंशिक खालीपन होता है। गंदे 6 द्वारा 1 से ऊपर की ओर प्राण ऊर्जा के सीधे प्रवाह में रुकावट आती है, जिससे प्राण ऊर्जा दांये या बाएं तरफ लहर की तरह जाती है। Law of correspondence के आधार पर प्राण ऊर्जा के पथ का अनुसरण करते हुए, रीढ़ की हड्डी एक तरफ मुड़ जाती है। (क) GS (२) (ख) " G, CL-- यह महत्वपूर्ण है। (ग) E6 GBV IC
(३)
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