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अध्याय - १६
ऊर्जा द्वारा शारीरिक रोगों का उपचारउन्नत तकनीक तथा रंगीन ऊर्जा द्वारा उपचार- उत्सर्जन तंत्र (मूत्र सम्बन्धी) रोग
Urinary Ailments
संदर्भ :
भाग २, अध्याय १४ और भाग ४, अध्याय १४, क्रम संख्या (१०) (१) सामान्य- General
उत्सर्जन तंत्र 3 तथा 2 द्वारा ऊर्जित तथा नियंत्रित होता है। 3 गुदों तथा मूत्रवाहिनी नलियों को ऊर्जित तथा नियंत्रित करता है। यह रक्त चाप को भी नियंत्रित करता है। 2 मूत्राशय और मूत्र मार्ग को ऊर्जित व नियंत्रित करता है। प्रत्येक K का एक लघु चक्र होता है। मूत्राशय का एक लघु चक्र होता है तथा यह 1 द्वारा भी प्रभावित होता है। इन चक्रों की स्थिति चित्र ४.१४ में दर्शायी गयी
6 भी K को प्रभावित करता है। कुछ केसों में एक लम्बे समय के नाराजगी आदि के कारण 6 में घनी लाल रंग की ऊर्जा से पैदा हो जाती है जो 6 से नीचे चलकर K में आती है, जिससे K गलत ढंग से कार्य करने लगता है। इसीलिए कुछ केसों में, लम्बे समय के नकारात्मक भावनाओं के कारण गुर्दे भयंकर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। जांच करने पर पता चलता है कि 6b और K पर काफी घनापन होता है। मूत्र नली तथा मूत्राशय की सूजन- Inflammation of Urinary Tube and Bladder ...) (क) Gs (ख) C' (2 तथा आसपास का क्षेत्र) G~o
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