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________________ (e) बवासीर- Haemorrhoids (Piles) 6 तथा 4 आंशिक रूप से प्रभावित होते हैं, उनमें गंदे तथा काफी अधिक लाल ऊर्जा भर जाती है। गुदा लघु चक्र में आमतौर पर भूरी सी लाल ऊर्जा का घनापन हो जाता है। कई केसों में यह तनाव से संबंधित होता है। (क) Gs (ख) c (8, 4, पेट के क्षेत्र पर – विशेष तौर पर बड़ी आंतों पर) (ग) E (6,4) GBVI C (घ) यदि गुदा प्रभावित है तो C' (गुदा)/ E GB (ङ) C 71 E 7(7b के माध्यम से) (कम G)v - यह 7 को सक्रिय करके आंतरिक शांति पहुंचाने के उद्देश्य से है। उपचार को सप्ताह में दो या तीन बार करें। रोगी को सलाह दें कि वह दस्त के बाद गुदा की सफाई द्वारा, सफाई का पूरा ध्यान (proper hygiene) रखे तथा मसालेदार भोजन से परहेज करे। उपचार के बाद भी गुदा की सफाई का ध्यान रखे। किसी अंग का बाहर निकलना- Hernia पेट के कमजोर हुई या फटी हुई दीवाल के कारण इस रोग में निचले पेट में उभार (bulge or protusion) हो जाता है। यह कई प्रकार के होते हैं। अम्बीलीकल हर्निया (umbilical hemia) जो बच्चों में बहुत होता है, उसमें नाभि के क्षेत्र में उभार हो जाता है। Incisional (इनसीज़नल) हर्निया में पेट के घाव के निशान के क्षेत्र में उभार होता है। Inguinal (इनजुइनल) हर्निया में जांघ के पेट से जोड़ में होता है और इसकी अण्डकोष की थैली (Scortum) में जाने की प्रवृत्ति होती है। 4, 2 आंशिक रूप से प्रभावित होते हैं। AP गंदा लाल होता है। (क) C' (4, 2, 1)/ E w (ख) C' (APY GBYW - G सफाई करने के लिये, B संकुचित करने तथा लचीलेपन के लिये, Y शक्तिशाली कोशिकाओं के लिए तथा v में सभी रंगीन प्राणों के गुण होने के कारण उपयोग की जाती है। (ग) उपचार को सप्ताह में दो या तीन बार करें।
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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