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________________ निगलने में कठिनाई- Difficulty in Swallowing (क) C (समस्त गर्दन, 8,8/ F (8. 8) GV (ख) c" B I E GBV (ग) आवश्यक्तानुसार उपचार दोहरायें। उल्टी तथा पतले दस्त होना-- Vomitting and Diarrhoea यह गैस्ट्रो आंत्रिक तंत्र के संक्रमण या सूजन से हो सकते हैं। तनाव या भय के द्वारा पतले दस्त हो सकते हैं। (क) c" 6. C (4 तथा पेट के ऊपर के व निचले भाग पर)- कई केसों में रोगी को c' से राहत मिल जायेगी। (ख) E (6, 4) GBVI C (ग) दिन में ३ या ४ बार उपचार करें, यदि आवश्यक्ता हो। साधारणतया एक या दो उपचार काफी होता है। शिशुओं और छोटे बच्चों में कभी गले के खराबी (irritation) द्वारा उल्टी हो जाती है, इसलिए उनका T (8, 8) करना चाहिए। कब्ज- Constipation (क) C" 6, C' (4 तथा पेट के क्षेत्र पर) (ख) E 6 GRIC (ग) E 4 GORI C' – G का सफाई, 0 का निष्कासन तथा R का शक्ति पहुंचाने का प्रभाव पड़ता है। (घ) C1/ ER Abdominal Pain (क), (ख)– उपरोक्त क्रम (३) (क) व (ख) प्रक्रियाओं के अनुसार (ख) एक या दो प्राण उपचार ही काफी होंगे। यदि फिर भी रोग ठीक नहीं होता, तो रोगी को मैडिकल डॉक्टर और उन्नत प्राणशक्ति उपचारक से मिलने के लिए कहें।
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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