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________________ (५) क्षय रोग– Tuberculosis (क) GS (२) (ख) C7IE 7b Gv (ग) CLu Gol c7b ___E Lu (Lub के माध्यम से) Gov- E0 के समय आपकी उंगलियां रोगी के सिर की तरफ इंगित नहीं होनी चाहिए। (ङ) C" 6 / E Gv (च) मास्टर उपचार तकनीक जो अध्याय ६ के क्रम संख्या ५ (३२) में वर्णित है कीजिए- उपचार की गति को शीघ्र करने के लिए अथवा c (1, 4)/ ER एवम् C_5/ E w (छ) c (8, 9y E Gv (ज) सप्ताह में तीन बार उपचार कीजिए अस्थमा– Asthirma (दमा) 8,8, 7b और 1 प्रभावित होते हैं। वायु नलियां सकुड़ जाती हैं। कभी-कमी अस्थमा भावनात्मक कारणों से होता है। 6 पर घनापन होता है। यदि रोगी रिश्ते की समस्याओं के कारण खुलकर अपने को नहीं बोल पाता है, तो सम्भावना है कि ट्रैचिया (Trachea) या वायुनली तंग होगी। यदि भावनात्मक कारणों से रोग है, तो घने 6 की सफाई अच्छे प्रकार से होनी चाहिए। यदि भौतिक कारणों से अस्थमा हुआ है. तब उपचार की गति आम तौर पर तीव्र होगी। यदि भावनात्मक कारणों से है, तब उपचार में आम तौर पर ज्यादा समय लगेगा। अपनी दबी हुई भावनाओं को बाहर निकालने की आवश्यक्ता है। (क) GS (२) (ख) C (8, 8)/ E GR -R का वायु नली को चौड़ा करने का प्रभाव पड़ता (ग) CLu GOT E Lu( Lub के माध्यम से) GOR - 0 का निष्कासन का प्रभाव होता है, जिससे R के चौड़ा करने एवम शक्ति प्रदान करने को और
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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