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________________ अध्याय -- १४ ऊर्जा द्वारा शारीरिक रोगों का उपचार - उन्नत तकनीक तथा रंगीन ऊर्जा द्वारा उपचारश्वसन तंत्र के रोग - Respiratory Ailments संदर्भ : भाग २, अध्याय ११ तथा भाग ४ अध्याय १४ क्रम संख्या (c) सामान्य - General यह तंत्र 9, 8, 7b तथा 6 द्वारा नियंत्रित तथा ऊर्जित होता है। 9 नाक 8 तथा 8' वायु नली (एक्य 7h लिगल ट्यूबों (Bronchial Tubes) तथा Lu, और 6 डायफ्राम (जिसके द्वारा Lu का हलन चलन होता हैं) को नियंत्रित व ऊर्जित करते हैं। भावनात्मक समस्याओं या तनाव द्वारा 6 पर घनापन छा जाता है, जिससे डायफ्राम पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। बांये फेंफड़े के दो लघु चक्र पीछे की ओर एक ऊपर और एक नीचे की ओर होता है। दांये फेंफड़े के तीन लघु चक्र पीछे की ओर एक मध्य में और एक नीचे की ओर होता है। एक ऊपर की ओर उक्त सभी चक्रों की स्थिति चित्र ४.१३ में दर्शायी गयी है। ५.२५३ — - (२) दीर्घकालीन सायनुसायटिस - Chronic Sinusitis तीव्र और दीर्घकालीन सायनूसाइट्सि में आम तौर पर 6 के ऊपर घनापन होता है, उसमें गंदी लाल ऊर्जा भरी होती है तथा यह चक्र अधिक सक्रिय होता है। इस ऊर्जा का एक अंश 9 में जाकर, नाक के सायनसों को संक्रमण और सूजन के प्रति संवेदनशील बना देता है। कई केसों में यह रोग नकारात्मक भावनाओं के कारण होता है ।
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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