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________________ रोगी से आशा की जाती है कि वह अपने भावनाओं को नियंत्रित करे। चिन्ताएं और आशंकाओं को कम करना चाहिए। तनावपूर्ण स्थितियों से यथासम्भव बचें। अनुभती त कुशल टपचारकों के लिए - C (हृदय) (हृदय के ऊपरी दांये भाग पर विशेष तौर पर)G~0, फिर C (हृदय का ऊपरी दांये भाग) B- हृदयगति को सामान्य करने हेतु, फिर E हृदय (7b के माध्यम से) GBV-- अनियमित हृदय धड़कन में यह तकनीक अत्यधिक प्रभावी है। हृदय पर सूजन या रिह्यूमैटिक हृदय- Inflammation of the Heart or Rheumatic Heart उपचार लगभग वही है, जो अनियमित हृदय धड़कन (Cardiac Arhythmias) (क्रम ३ में वर्णित) का है। शरीर का प्रतिरक्षात्मक तंत्र मजबूत करना चाहिए। (क), (ख) - जैसा क्रम ३ (क), (ख) में वर्णित (ग) C (7f, हृदय) G~v (घ) c7b/E हृदय (7b के माध्यम से) GBV (ड) C {7f, हृदय) (च) E6 GBV (छ) C (6, L) (ज) C 5! F GV सावधानी से (झ) C(1, 4y E W-- यदि रोगी को बुखार है तो F 1 न करें। C (S,HY EV (स्थिरीकरण न करें)- यह प्रतिरक्षात्मक तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए है। (ट) C (11, 10, 9, 8)/ E (कम Gv (ट) जब तक रोगी काफी या पूरी तौर पर ठीक नहीं हो जाता, तब तक सप्ताह में ३ या अधिक बार उपचार करें। कुछ ही उपचारों के बाद काफी सुधार दिखाई देगा। बढ़ा हुआ हृदय-दोषपूर्ण वाल्व- Enlarged Hean Defective Valve 7 और 6 पर गेंद धनी लाल गंदी ऊर्जा रहती है। 6 ज्यादा सक्रिय होता है। । में भी काफी गंदी लाल ऊर्जा होती है। कई केसों में रोगी लम्बे समय तक नाराज (५) ५.२४२
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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