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________________ बाद रोगी अच्छा महसूस करने के कारण उपचार बन्द कर दे, तो वह बहुत बड़ी गलती कर बैठेगा। ____ अनुभवी व कुशल उपचारक C (हृदय) G~0~R करें, फिर c7b/E हृदय ( 70 के माध्यम से) GOR करें और 66 तकनीक - अध्याय ६ क्रम संख्या १० (२६) करें। इससे 6, L की शीध्र सफाई होती है। यदि सही उपचार हुआ, तो रोगी को तुरन्त आराम मिलेगा और आरोग्य की गति बहुत तीव्र होगी। रोगी उचित खुराक खाये, तनाव या चिड़चिड़ापन की स्थिति से बचें। रोगी को सलाह दें कि वह अपनी भावनाओं को नियंत्रित करे तथा अधिक काम न करें। अनियमित हृदय धड़कन- Irregular HeartBeat or Arrhythemias इनका 7 व 6 प्रभावित होता है जो गंदी लाल ऊर्जा से भरा होता है। आंतरिक कारण भावनाएं होती हैं। हृदय का दांया ऊपर का भाग का c' करना चाहिए, क्योंकि वहां गंदी लाल ऊर्जा होती है। 8 भी प्रभावित होता है और उसका । करिए। (क) Gs (ख) C" B, C't - यह अति महत्वपूर्ण है। (ग) Cri, हृदय) (हृदय के ऊपरी दांये भाग पर विशेष तौर पर) G~-गंदी लाल ऊर्जा हटाने के लिए। (घ) c7b/ Eहृदय (7b के माध्यम से) GBV (ङ) c (7f, हृदय) (विशेष तौर पर हृदय के ऊपरी दांये भाग पर) (च) E6 GBV (छ) C' (6, L) (ज) C' (8, 8)/ E GBV (ञ) (1,4)/ E R (ट) C (11, 10, 9y E (कम G)V (ठ) उपचार सप्ताह में तीन बार करें। उचित तौर पर T होने पर एक या दो सप्ताह में काफी सुधार दिखाई देगा। काफी या पूरी तौर पर ठीक होने में २ या ३ महीने के लगातार उपचार की जरूरत पड़ेगी। ५.२४१
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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