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HUT- Outer Ear Infections
(क) GS(२) (ख) C' (AP, प्रभावित कान चक्र) Grv- यह अति महत्वपूर्ण है/ E GBV --
प्रभावित कान की C-E दिन में कई बार करें, ताकि उपचार गति तीव्र
हो सके। (ग) c (bh, प्रभावित कान से संबंधित j) IE W (च) C' (8, 8)/ E Gv (ङ) c 7/E7b (कम G) v (च) C (Lu- अगल-बगल से तथा पिछला) E (Lu-- Lub के माध्यम से)
Go-E O करते समय उंगलियों को सिर से दूर इंगित करें। (छ) C (5, 1) (ज) C 6, L, 4 ) | E(6, 4) W
(झ) अगले कई दिनों तक यह उपचार प्रतिदिन करें। (६) मध्य एवम् आन्तरिक कान के संक्रमण- Middle and Inner Ear Infutions कुछ केसों में यह रंधी हुई नाक द्वारा होता है। इसलिये 19 करना पड़ेगा। (क) GS (२) (ख) c' (प्रभावित कान) G~v- यह अति महत्वपूर्ण है/E GBV - प्रभावित कान की।
C~E दिन में कई बार करें, ताकि उपचार गति तीव्र हो सके। (0) C 9/ E GBV (घ) c (bh, प्रभावित कान से संबंधित, j) IEW
(ङोसे (ज) तक- उक्त क्रम (८) (घ) से (झ) तक के अनुसार (१०) बहरापन- Deafness
यह कान के चक्रों के गलत ढंग से कार्य करने के कारण होता है। कभी-कभी प्रभावित कान चक्र पर मटमैला नारंगी प्राण होता है। सामान्य कान चक्र सफेद सा हल्के लाल रंग का होता है। प्रभावित कान के प्राण का घनापन, खोखलापन अथवा दोनों हो सकता है। कई केसों में bh, j भी प्रभावित होते हैं। आंशिक या पूर्ण बहरेपन के अनेक भौतिक कारण हो सकते हैं, जैसे कान में मोम सा पदार्थ, मध्य