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________________ (क) GS(२) (ख) C (आंखें ) G~v (ग) C9/E (आंखें- 9 के माध्यम से) GBO- प्राण ऊर्जा को आंखों में जाते हुए दृश्यीकृत करें। आंखों को दिन में कई बार C तथा E करने से ठीक होने की गति बढ़ाई जा सकती है। (च) Cbh/ E ( G) -- आंखों को ऊर्जित और चमकदार होते दृश्यीकृत करें। (ङ) C (j, 8) / EW (च) C7/ E 7b Gv (छ) c Lu – सामने, बगल तथा पीछे से /E Lu ( Lub के माध्यम से) Go-- E0 करने में संगलियों को सिर से दूर इंगित करें। (ज) C (51) (झ) c (6, 4)/Ew (ञ) समरत उपचार को अगले कई दिनों तक प्रतिदिन एक बार करें। दीर्घकालीन आँखों की बीमारी- Chronic Red Eyes साधारणतया 6 घना होता है और काफी अधिक लाल प्राण से भरा होता है। इसका एक भाग 9 और आंखों को जाता है। (क) c" 6. C' (L)/ E6 GBV (ख) C7IE 7b (कम G)V (ग) C (आंखें)G~v (घ) cg E (आंखें -9 के माध्यम से ) GB' (ङ) C(bh, 10, 11)/EW (च) इस उपचार को सप्ताह में तीन बार जब तक आवश्यक हो, तब तक करें। आँखों में तैरने वाला पदार्थ- Floater (५) ५.२२५
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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