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(ड) रतिज रोग के रोगी का E 1 नहीं करना चाहिए, जब तक कि उपचारक
कुशल एवम् अनुभवी उन्नत न हो, अन्यथा अधिक ऊर्जित होने से अधिक लाल प्राण ऊर्जा द्वारा यौन जीवाणुओं का उत्पादन बढ़ जायेगा। निम्न भावनाओं का केन्द्र 6 के नकारात्मक कारणों से प्रभावित होने के कारण लम्बे समय में, 1 तथा सभी चक्र कमजोर हो जाते हैं, जिससे शरीर आसानी से संक्रमित हो सकता है। लम्बे समय तक नकारात्मक भावनाओं द्वारा सभी चक्र गलत ढंग से कार्य करते हैं और प्रतिरक्षात्मक तंत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। यह L (जो रक्त को शुद्ध करता है) के माध्यम से ( 6 के द्वारा ) भी प्रभावित करता है।
11, 10, 9 का भी इस तंत्र पर प्रभाव होता है। 11 ev का प्रवेश बिन्दु है, जो प्रतिरक्षात्मक तंत्र को मजबूत बनाता है। ev बहुत शक्तिशाली संक्रमण नाशक होता है। 10, 9 द्वारा शरीर के अन्य भागों को ev भेजने में सहायता मिलती है। 9 यह सुनिश्चित करता है कि अन्य चक्र सनसपूर्वक कार्य गरें! 11, 12, काली मात्रा में हरा, नीला, तथा
बैंगनी प्राण ऊर्जा उत्पन्न करने हैं, जो संक्रमण नाशक होते हैं। लसिका तंत्र- Lymphatic System लसिका तंत्र जो 8 द्वारा नियंत्रित व ऊर्जित होता है अति सूक्ष्म कीटाणुओं (microbes) को फिल्टर कर, नष्ट करता है। लसिका तंत्र antibodies (विपरीत शरीर) तथा सफेद रक्त कणों की एक महत्वपूर्ण किस्म जो Lymphocyte (लिम्फोसाइट) कही जाती है, को तैयार करता है। आक्रमक microbes (जीवाणु) इसकी अपनी स्मरण शक्ति (memory) में होते हैं। ये Lymphocyte संक्रमण से शरीर की रक्षा करते हैं। इस संबंध में भी भाग ४, अध्याय १४, क्रम संख्या ६ को ध्यान से देखें, जो स्व-स्पष्ट
है।
- Infection and Inflammation
(क) (ख)
यदि AP सिर, हृदय. 5 या इसके पास न हो तो, C (AP) G~0 यदि AP सिर, हृदय, 5 या इसके पास हो तो, C (AP) G~v
५.२१६