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उपरोक्त उपचार कमजोर पैरों, पैरों के फ्रैक्चर, संधिवात और लकवा में पैरों को शक्ति प्रदान करने का है। सामान्य केस में 0 द्वारा उपचार
न करें। उपक्रम (३) बांहों को शक्ति पहुंचाना- Strengthening the Arms (क) C समस्त बांहों को G (DDL)~O (FLE); C (a.e, H) G (DDL) ~0
(FLE)- जब ca करें, तो रोगी का हाथ उठायें। (ख) E (a, e) R- (a, e तथा बांहों को शक्ति पहुंचाने के लिए),
स्थिरीकरण करें। (ग) EH R ( तथा बाहों को शक्ति पहुंचाने के लिए), किन्तु इसमें प्रेषित
प्राणशक्ति का स्थिरीकरण न करें। (घ) C (Nipple चूची का चक्र DDLE -(इस चक्र को तथा a,
e, H को शक्ति पहुंचाने के लिए, क्योंकि मैरिडियन द्वारा a, e, H
चूची के चक्र से जुड़े होते हैं), स्थिरीकरण करें। (ङ) C1 G (DDLY/E R- (इस चक्र को तथा बांहों को शक्ति पहुंचाने के
लिए), स्थिरीकरण करें। E 4 G (DDL)/ E R- (इस चक्र को शक्ति पहुंचाने के लिए तथा शरीर की सामान्य तौर एवं विशेष तौर पर बांहों की ओजस्वता Vitality बढ़ाने के लिए) स्थिरीकरण करें। उपरोक्त उपचार कमजोर बांहों, बांहों के फ्रैक्चर, संधिवात और लकवा में बांहों को शक्ति प्रदान करने का है। सामान्य केस में 0 द्वारा
उपचार न करें। उपक्रम (४) दर्द दूर करना- Relieving Pain (क) यह दो तरीकों में विभक्त है- एक तो दर्द में आराम पहुंचाना और
दूसरा दर्द को फोड़कर आराम पहुंचाना। कोई एक तरीका सावधानीपूर्वक चुनना है।
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