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(ग) mR या dR आदि का आशय उक्त (ख) की तरह, किन्तु हल्के रंग के
बजाय क्रमश: मध्यम या गहरे रंग के शेड से है। (२) उन्नतशील उपचार की तकनीकें (Advanced Pranic Healing Techniques) (क) सामान्य झाड़ हार तकनीक
G द्वारा Gs करें और यह इच्छा करें तथा G को निदेश दे कि वह
रोगग्रस्त तथा इस्तेमाल की हुई ऊर्जा को ढीला करके बाहर फेंक दे । (ख) स्थानीय झाड़ बुहार- Counterclockwise Technique
हाथ/हाथों को एक या दो बार घड़ी की उल्टी दशा में घुमाकर फिर हाथ झटककर किया जाता है। इससे सफाई शीघ्रता से होती है। रोगी से रोगग्रस्त ऊर्जा के सम्भावित ग्रहण की आशंका से हाथ को निस्तारण बर्तन (जिसमें नमक का पानी रखा है) की ओर रोगग्रस्त ऊर्जा को नष्ट करने की इच्छा से हाथ झटकते रहना चाहिए। शीघ्र सफाई
उक्त (ख) में वर्णित सफाई G द्वारा करने पर (घ) कठिन किस्म की रोगग्रस्त ऊर्जा की सफाई (१) उक्त (ख) में वर्णित C (नाजुक अंगों व 3, 4, 5, 6, 7, 8, 8',
_j, t, n, bh, 9, 10, 11) को CG~v द्वारा (२) उक्त (ख) में वर्णित C (1, 2, p, a, e, H, h, k, S) को c
G-0 द्वारा (ङ) जिद्दी तथा अति कठिन किस्म की रोगग्रस्त ऊर्जा की सफाई ऋ (१) CG (DDL) (२) E B (विस्फोटक ऊर्जा जो इसके बाद प्रेषित
की जाने वाली है, उसका प्रभाव शरीर के AP तक सीमित करने के लिए) (३) E G (DDL) (४) EO (FLE) (५) पांच मिनट तक प्रतीक्षा करें ताकि E GO की प्रक्रिया पूर्ण हो जाये (६) निकाली गयी रोगग्रस्त ऊर्जा को झाडू की तरह, बुहारकर,