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________________ (३) सलान हटाना सफाई का (५) विषाक्त पदार्थ से मुक्त करना -detoxifying (६) disinfection -संक्रमण को दूर करना (७) घोलना dissolving (E.) रोगग्रस्त जीव द्रव्य पदार्थ को ढीला करना (६) मृत एवम् रोगग्रस्त कोशिकाओं को तोड़ना एवम् नष्ट करना कभी-कभी सफाई करने के लिए भी G द्वारा ऊर्जन किया जाता है। ऐसी अवस्था में G को स्पष्ट निदेश दिया जाता है कि वह चक्र अथवा प्रभावित अंग से रोगग्रस्त एवम् इस्तेमाल की हुई ऊर्जा को अलग करे और उसे घोले अर्थात नष्ट कर दे। विशेष अवस्थाओं में यह भी निदेश दिया जाता है कि वह उस चक्र/ प्रभावित अंग को ज्यादा शक्तिशाली रंगों के हानिकारक प्रभाव (जैसे लाल नारंगी, पीला. बैंगनी) जिनका ऊर्जन बाद में किया जाने वाला है. से रक्षा करें। इस विधि का प्रयोग आंतरिक अंगों की सफाई की तकनीक में किया जाता है। लेकिन फिर भी, इससे पहले नीले रंग की ऊर्जा द्वारा संहारक ऊर्जाओं से रक्षा करने के लिए ऊर्जन करना आवश्यक होगा। (ङ) शारीरिक उपयोग(१) जिद्दी किस्म की रोगग्रस्त ऊर्जा को ढीला करना, घनापन समाप्त करना और उसकी सफाई करना (२) disinfection संक्रमण को दूर करना रक्त के थक्का को तोड़ना सर्दी (५) बुखार नाजुक अंगों जैसे आंख और मस्तिष्क से रोगग्रस्त ऊर्जा को । निकालना और उनकी सफाई करना (७) G घाव को गीला करने की कोशिश करता है, इसलिए इसका उपयोग ताजे घावों में नहीं किया जाता - - - -
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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