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(ग) रंगीन प्राणों से ऊर्जन करते हुए यह आवश्यक है कि रंग बदलने से पहले
हाथों को कई बार झटकते रहें | यह सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी है। हाथ न झटकने से पहले इस्तेमाल की गयी ऊर्जा का का अवशेष जो हाथों में रह जाता है, वह बाद में की जा रही दूसरे रंग की ऊर्जा में मिलकर, रोगी पर एक तीसरे ही तरह का प्रभाव डाल सकती है क्योंकि दो रंगों से मिश्रित ऊर्जा
का गुण इन दोनों गुणों से भिन्न हो सकता है। (घ) उपचार में साधारणतः उपरोक्त विधि (१) में बतायी गई दृश्यीकृत की जाती है
तथा प्रयोग में लाई जाती है। नीचे दी गई तालिका में विभिन्न रंगों में केन्द्र में सफेद ऊर्जा का प्रतिशत परिधि में हल्के रंगीन ऊर्जा का प्रतिशत जो रोगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है दर्शाया गया है। विद्युतीय-बैंगनी के केन्द्र में सफेद रंग की ऊर्जा चका चौंध करने वाले सफेद प्रकाश (Dazzling white) की होती है। शरीर के किस-किस चक्र से कौन से रंग की ऊर्जा उपचार के लिये ली जाती है, वह भी दर्शाया गया है। परिधि में हल्के रंग का आशय चित्र ५.०४ में दर्शाये गये हल्के (Light) रंग से है। इसको ध्यानपूर्वक देखें और मनन-चिंतन करें तथा परिधि में इसी तरह के रंग को दृश्यीकृत करें। संक्षिप्तीकरण के लिये इनके चिन्ह भी सामने लिख दिये गये हैं।
स्रोत
चक्र
| क्र. सफेद सा हल्का | संक्षिप्ती | प्रकाशवान हल्के रंग की | हल्के रंग | | सं. ऊर्जा का रंग । करण । ऊर्जा- केन्द्र में | रंगीन ऊर्जा- की रंगीन संदृष्टि (प्रतिशत) केन्द्र के चारों| ऊर्जा
ओर | परिधि में
(प्रतिशत) (प्रतिशत) लाल (Red) | R | ७० लगभग
३० लगभग नारंगी (Orange) १० या उससे
२० या अधिक
उससे कम पीला (Yellow) ५० लगभग
२० लगभग
हरा (Green)
७० लगभग
३० लगभग
नीला (Blue)
|
B
७० लगभग
३० लगभग