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________________ यह दर्द 1 व 6 का काम न करने के कारण होता है। 4 लम्बे समय में नकारात्मक भावनाओं को आंशिक रूप से प्रभावित करता है, जिससे 6 व 1 पर उल्टा प्रभाव पड़ता है। इसीलिए रोगी को सभी प्रकार की नकारात्मक भावनाओं से दूर रहने या उन्हें कम करने की सलाह देनी चाहिए । (छ) CL (आगे, पोछे और अगल-बगल में) (ज) C (6, L का दायां निचला लघु चक्र ) /E (6f, L का दायां निचला लघु चक्र) (च) (झ) T (1, 4) यदि रोगी को उच्च रक्तचाप हो या उसका इतिहास हो, तो E 5 न करें । (ञ) जब तक दर्द अच्छी तरह कम नहीं होता, दिन में ३ या ४ बार T (AP) (ट) — उपक्रम (३०) मेरुदण्ड कुब्जता - Scolisis सप्ताह में तीन बार दो या तीन माह तक या आवश्यक्तानुसार इलाज करें । টি (क) C (मेरुदण्ड या रीढ़ की हड्डी) (ख) C 6 क्योंकि 1 से रीढ़ की हड्डी तक ऊर्जा के बहाव में घना 6 . आंशिक रूप से अड़चन करता है । (च) इनका 1 कमजोर व 6 घना होता है। (ग) पुनः 6 की जांच करें। क्या अभी भी घने हैं। यदि जरूरत हो तो C' 6 (घ) C' 1/E (ङ) C' (AP) / E आवश्यक्तानुसार सप्ताह में तीन बार इलाज दोहरायें । ५.११७
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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