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________________ (६) कुछ चक्र हमारी मानसिक क्षमता तथा योग्यता के केन्द्र या हमारी मानसिक क्षमता के स्थान होते हैं । (19) प्राणशक्ति को सूर्य के प्रकाश, वायु तथा पेड़ों से प्राप्त किया जा सकता है। (८) दिखाई देने वाले भौतिक शरीर और उसके वायवी शरीर का आपस में इतना अधिक गहरा संबंध होता है कि जो चीज पहले को प्रभावित करती है, वह दूसरे को भी प्रभावित करती है। रोगी के वायवी शरीर से रोगग्रस्त वायवी पदार्थ को वहां से निकालकर या हटाकर और उपचार के बायकी शरीर से आगावत को रोगी के वायवी शरीर में स्थानांतरित करके या भेजकर उपचार किया जाता है। (€) एक ताकतवर स्वस्थ शरीर आभा रोगाणुओं व संक्रमण के विरुद्ध एक सुरक्षात्मक कवच - सा कार्य करता है। (१०) हाथ या पैर कट जाने के बाद भी कुछ व्यक्ति यह महसूस करते हैं कि उनके हाथ या पैर उसी स्थान में हैं। इसका कारण यह है कि उस अंग के वायवी ढांचे या वायवी रूप को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अब तक वायवी शरीर के अस्तित्व और अन्य आवश्यक बिन्दुओं का जो उल्लेख किया गया है उनको रूसी वैज्ञानिकों द्वारा बाद में जांचा गया या उनकी पुनर्खोज की गई है। (' साइकिक डिस्कवरीज बिहाइंड दि आयरन करटेन - ( Psychic discoveries behind the Iron Curtain) शीला ऑस्ट्रैन्डर ओरलिन श्रेडर इंगलवुड क्लिप्सः प्रेंटिक हॉल, १९७०, बैंटम संस्करण, १६७१- इस पुस्तक में रूसी वैज्ञानिकों द्वारा वायवी तथ्यों पर दिये गये गहन वैज्ञानिक खोजों का विवरण है। प्राचीन काल से गूढविज्ञान के विद्यार्थी जो भी जानते थे, केवल उन्हीं बातों की पुष्टि की गई है। सभी संदर्भ बैंटम संस्करण में दिये गये हैं ।) (६) प्रारम्भिक उपचार के कुछ उदाहरण इनके उदाहरण नीचे दिये गए हैं। संक्षिप्तीकरण हेतु कुछ चिन्हों (संदृष्टियों) का इस पुस्तक में उपयोग किया गया है, जिनका ध्यान रखिए । ५.६४ -
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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