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________________ (७) दूरस्थ प्राण चिकित्सा (दूर बैठे रोगी की चिकित्सा)। (e) उपचार के निमित्त दवा, भोजन, तेल, मल्हम, पट्टी, पानी आदि को ऊर्जित करना जिससे स्वस्थ होने की गति बढ़ जाये | (६) किसी कमरे/क्षेत्र को नकारात्मक ऊर्जा, नकारात्मक सोच के आकार और नकारात्मक परजीवियों से स्वच्छ करना। (५०) गर्भस्थ शिशु के चरित्र का निर्माण एवम् सुधार करना। (११) किसी खिलाड़ी व्यक्ति की ऊर्जा को अस्थायी तौर पर बढ़ा देना. ताकि वह खेल के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सके। इससे चिकित्सक जांच (medical test) में कोई अड़चन नहीं आती। वर्तमान में चोरी छुपे स्टीयरोइड्स (steroids) आदि प्रतिबन्धित दवाइयों द्वारा यह काम कुछ लोग करते हैं और पकड़े जाने पर खेल से लम्बे समय तक के लिए बहिष्कृत कर दिये जाते हैं और यदि वे कोई इनाम भी पाते हैं तो उनसे वह इनाम छीन लिया जाता है। (१२) किसी हिंसात्मक व्यक्ति को अतिशीघ्र ही शान्त कर देना। (१३) किसी की यात्रा को सुरक्षित करना। (१४) रत्नों को उनके अन्दर की नकारात्मक ऊर्जा, नकारात्मक सोच के आकार, नकारात्मक परजीवी, पिछले संस्कृति/मनोवैज्ञानिक छाप (previous psychic impressions) और पिछले प्रोग्रामों (previous programmes) से मुक्त करना एवम् उनकी शक्ति बढ़ाना। (१५) आध्यात्मिक क्षेत्र में (इसकी चर्चा भाग ६ में की गयी है)। ५.१२
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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