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________________ अध्याय १ इस भाग के पाठ्यक्रम की रूपरेखा एवम् प्राणऊर्जा के उपयोग के सिद्धान्त Course outline for this part and Principles of Applications of Pranic Energy (क) इस भाग के पाठ्यक्रम की रूपरेखा- Course outline for this part प्राण शक्ति उपचार के विभिन्न स्तर हैं जो सरल से लेकर जटिल अवधारणा और सुगम से कठिन पद्धति के अनुसार विभाजित हैं। इनके पाठ्यक्रम की रूपरेखा निम्नवत है: - क्रम | विषय योग्यता सन्दर्भ अध्याय १. प्राण ऊर्जा के उपयोग के सिद्धान्त, अध्याय ४ के क्रम २० में वर्णित | १२.३ | उपयोग और ध्यान चिन्तन । प्रारम्भिक प्राणशक्ति उपचार(अभ्यार्थी किस प्रकार सीखे- यह अध्याय ४ के क्रम २१ में वर्णित है।) माध्यमिक प्राणशक्ति उपचार | क्रम २ का लगभग दो माह का नियमित अभ्यास ४. स्व-प्राणशक्ति उपचार क्रम २ का लगभग दो माह का एवम् क्रम ३ का लगभग एक माह का नियमित अभ्यास | ५. दूरस्थ प्राणशक्ति उपचार- इसके | क्रम ३ का लगभग दो माह का | सीखने की विधि अध्याय ७ में दी | नियमित अभ्यास है। | उन्नत तकनीक एवम् रंगीन ऊर्जा -तदैवद्वारा उपचार | तक - से २२ .
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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