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भाग - ५
प्राण ऊर्जा के उपयोग
PART -V APPLICATIONS
OF THE PRANIC ENERGY
एक लय में ली गयी साँस और विचारों का नियंत्रण करके आप समुचित मात्रा में प्राणशक्ति (ओजस्वी ऊर्जा) को ग्रहण कर सकते हैं या सोख सकते हैं और . आप उसे दूसरे आदमी के शरीर में भी भेज सकते हैं। उसके शरीर के कमजोर भागों या अंगों को उत्तेजित करके बीमार तत्त्वों को बाहर निकालकर स्वास्थ्य प्रदान कर सकते हैं।
-योगी रामचरक
मनसउपचार विज्ञान से उद्धृत